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सीधी: ट्रैक्टर पलटाकर मृत्यु कारित करने के आरोपी को 1 साल का कठोर कारावास एवं जुर्माने की सजा
बताया गया कि दिनाँक 23.10.2011 को फरियादी मुद्रिका प्रसाद मिश्रा ने इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि दिनाँक 23.10.2011 को उसे फोन पर सूचना प्राप्त हुई कि उसके भतीजे हनुमंतलाल की टैक्टर पलटने से मृत्यु हो गई है। जब वह घटनास्थल पर पहुंचा तो सोनालिका कंपनी के टैक्टर की नीचे बंटानी उर्फ बंटी कोल, श्यामलाल साहू, हनुमंत दबे हुए थे जिसे आसपास के लोगों की मदद से निकाला गया। टैक्टर के पलटने से हनुमंत की मृत्यु हो चुकी थी।
घटना की सूचना के आधार पर मर्गइंटीमेशन कायम कर जांच की गई। उक्त सूचना के आधार पर थाना अमिलिया, जिला सीधी में अपराध क्र. 257/11 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान पाया गया कि अभियुक्त बंटानी उर्फ बंटी कोल ने दिनाँक 23.10.2011 को दोपहर 12:00 बजे के लगभग, स्थान ग्राम रजहा टीकर न्यू गल्ला मंडी के सामने सोनालिका टैक्टर डीआई 720।। नीले रंग को लोक मार्ग पर उपेक्षा अथवा उतावलेपन से चलाकर मानव जीवन संकटापन्न किया एवं उक्त वाहन को उपेक्षा अथवा उतावलेपन से चलाते हुये वाहन को पलटाकर उसमें सवार श्यामलाल साहू को उपहति कारित की एवं उक्त वाहन को उपेक्षा अथवा उतावलेपन से चलाते हुये टैक्टर को पलटाकर, ऐसी परिस्थिति में हनुमानलाल उर्फ हनुमंत की मृत्यु कारित की।
साथ ही उक्त दिनाँक, समय, स्थान पर उक्त वाहन को बिना अनुज्ञप्ति के परिवहन करने, बिना बीमा एवं बिना रजिस्ट्रीकरण के परिवहन किया। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसके न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 1890/11 में शासन की ओर से सशक्तस पैरवी करते हुए सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कु. सीनू वर्मा द्वारा आरोपी को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया, परिणामस्वकरूप माननीय न्याेयि᧸क मजिस्ट्रेाट प्रथम श्रेणी सीधी की न्या यालय के द्वारा निर्णय पारित करते हुए आरोपी बंटानी उर्फ बंटी कोल तनय जमुना कोल, उम्र 38 वर्ष, निवासी जियावन, थाना जियावन, जिला सिंगरौली, (म0प्र0) को धारा 279 भादं.सं. के अंतर्गत 03 माह का सश्रम कारावास, धारा 337 भा.दं.सं. के अंतर्गत 03 माह का सश्रम कारावास एवं 500/- के अर्थदंड, धारा 304ए भा.दं.सं. के अंतर्गत 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/- के अर्थदंड एवं धारा 3/181, 146/196 एवं 39/192 मोटरयान अधिनियम के अंतर्गत 500-500-500/-, कुल 2,500/- (दो हजार पांच सौ रूपये) के अर्थदंड से दंडित किया गया।