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सांसद अजय प्रताप सिंह ने भाजपा से त्यागपत्र दिया, सीधी से टिकट चाह रहे थे
सीधी। लोकसभा चुनाव कार्यक्रम के ऐलान होने से कुछ घंटे पहले ही राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने भाजपा से इस्तीफा सौंप कर भाजपा का बड़ा झटका दिया है। सूत्रों की मानें तो अजय सीधी लोकसभा से टिकट चाहते थें, लेकिन पार्टी ने डॉ. राजेश मिश्रा को प्रत्याशी बना दिया। इस वजह से वे नाराज चल रहें थे। उन्होने 16 मार्च को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपना इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि 2018 में राज्यसभा सदस्य बनें अजय प्रताप सिंह का कार्यकाल भी इसी माह समाप्त हो रहा है।
मीडिया से मुखातिब होते हुए राज्यसभा सांसद श्री सिंह ने भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगया और कहा कि अब पहले वाली भाजपा नहीं रह गई है। भाजपा अब कुछ बड़े व्यापारियों की पार्टी बन चुकी है। जिसमें पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं की कोई कदर नहीं है। सभी निर्णय मनमानी एवं तानाशाही पूर्वक लिए जाते हैं। भाजपा में चंद नेता ही अब पूरी पार्टी को चला रहे हैं। इस वजह से पुराने भाजपाइयों में काफी मायूसी छाई हुई है।
श्री सिंह ने कहा कि वह 35 वर्षों से सीधी सिंगरौली में भाजपा का झंडा गाड़े हुए थे। पार्टी की विचारधाराओं एवं सिद्धांतों से जन जन को जोड़ने का पूरा प्रयास हमेशा से करते रहे हैं। भाजपा में अब भ्रष्टाचार भी पनप रहा है। जिसकी अनदेखी की जा रही है। श्री सिंह ने कहा कि 20 वर्षों से सीधी एवं सिंगरौली में विकास के कोई बड़े कार्य नहीं किए गए।
पार्टी कहती कुछ है और करती कुछ और है। मेरे द्वारा राज्यसभा में जनहित से जुड़े कई मुद्दों को लेकर आवाज उठाते हुए उन पर कार्यवाई की मांग की गई लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। ऐसे में स्वाभाविक है कि कोई भी निष्ठावान कार्यकर्ता स्वयं को उपेक्षित महसूस करने लगेगा।
एक सवाल के जवाब में राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने कहा कि चुनाव में टिकट देने के लिए कोई पैमाना नहीं है और न ही इसके लिए कोई खास सर्वे कराया जाता। मनमानी तरीके से प्रत्याशी घोषित कर दिए जाते हैं। उनका कहना था कि राजनीति में आने का उनका मुख्य उद्देश्य जनता की सेवा करना था लेकिन भाजपा में जो कुछ हो रहा है उससे वह स्वयं को काफी असहज महसूस कर रहे थे।
श्री सिंह ने आह्वान किया कि उनके विचारों से जो सीधी एवं सिंगरौली के समर्थक सहमत है वह साथ में आ सकते हैं। ऐसा नहीं है कि लोगों के बड़े समूह के साथ आने से हम लोग भाजपा का कुछ नहीं कर सकते हैं। उनका मकसद केवल जनता की सेवा एवं क्षेत्र का विकास करना है। उनका कोई व्यक्तिगत निजी स्वार्थ इसमें नहीं छिपा है। मीडिया के समक्ष भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के नाम से भेजे गए इस्तीफा की प्रतिलिपि जारी कर दी है।