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Priyanka Kewat: सीधी जिले की प्रियंका केवट ने जॉर्जिया इंटरनेशनल वुशु चैंपियनशिप में जीता गोल्ड मेडल

Priyanka Kewat: सीधी जिले की प्रियंका केवट ने जॉर्जिया इंटरनेशनल वुशु चैंपियनशिप में जीता गोल्ड मेडल
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Priyanka Kewat Of Sidhi Won Gold Medal In Georgia International Wushu Championship: मध्य प्रदेश के सीधी जिले की रहने वालीं प्रियंका केवट ने जॉर्जिया इंटरनेशनल वुशु चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत लिया है

Priyanka Kewat Sidhi: मध्य प्रदेश के सीधी जिले की रहने वाली प्रियंका केवट ने जॉर्जिया में आयोजित हुई इंटरनेशनल वुशु चैंपियनशिप (Georgia International Wushu Championship) में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का सिर ऊंचा कर दिया है. 18 साल की प्रियंका केवट (Priyanka Kewat) सीधी जिले के वार्ड एक की निवासी हैं. वह स्कूल के दिनों से ही Wushu की धाकड़ खिलाडी रही हैं और आज उन्होंने दुनिया के सभी इंटरनेशनल लेवल के वुशु खिलाडियों को धुल चटाते हुए भारत के नाम स्वर्ण पदक कर दिया है.


मां चपरासी तो पिता ड्राइवर

वुशु ऐसा स्पोर्ट्स है जिसमे सामने वाले प्रतिद्वंदी से दो-दो हाथ करने होते हैं, उससे लड़ना होता है. प्रियंका की जिंदगी भी गरीबी से लड़ाई लड़ते बीती है. गोल्ड मेडलिस्ट प्रियंका के पिता शिवराज केवट पेशे से एक नर्सिंग होम के ड्राइवर हैं और प्रियंका की माता सोनिया केवट एक निजी स्कूल में प्यून का काम करती हैं. प्रियंका के परिवार की माली हालत एक मिडल क्लास फैमिली से भी कमजोर है. लेकिन अब प्रियंका की जीत उनके परिवार को निश्चितरूप से मजबूती देगी। विंध्य की बेटी प्रियंका को कोई कैसे हरा सकता था वो तो बचपन से ही एक लड़ाकू रही हैं.

घर में पैसे नहीं थे फिर भी ट्रेनिंग में कोई कमी नहीं

प्रियंका के घर की आर्थिक तंगी ने कभी उनका हौसला टूटने नहीं दिया, प्रियंका के माता-पिता ने जो कमाया सब ट्रेनिंग में खर्च किया, प्रियंका के दिल में भी कुछ कर दिखाने का जज्बा था सो उन्होंने वही किया जिसकी सभी को उम्मीद थी. आज एमपी के पिछड़े शहरों में गिना जाने वाला सीधी, प्रियंका केवट के शहर के नाम से जाना जा रहा है.

वुशु क्या होता है


Wushu एक चाइनीज स्पोर्ट्स है, आप इसे चईजीन मार्शलआर्ट्स कह सकते हैं. इसे हथियार और निहत्थे दोनों तरीकों से खेला जाता है। सामने वाले को लात-घुसें सब पड़ते हैं. कई बार तो खिलाडी बुरी तरह घायल भी हो जाते हैं.


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