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एमपी के सीधी में युवक का जज्बा, पत्नी के चेहरे पर मुस्कान लाने पति चट्टानों से भिड़ा, पानी के लिए खोद डाला कुआँ

एमपी के सीधी में युवक का जज्बा, पत्नी के चेहरे पर मुस्कान लाने पति चट्टानों से भिड़ा, पानी के लिए खोद डाला कुआँ
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MP News: एमपी के सीधी जिले में एक व्यक्ति ने अकेले ही तैयार कर डाला गहरा कुआँ

MP Sidhi News: कहते है अगर जोश और जज्बा हो तो कोई भी काम असंभव नही है और आदमी चट्टानों से भी भिड़ सकता है। इसी तरह हे जज्बे के साथ एमपी के सीधी जिला के ग्राम बरबधा निवासी हरी सिंह ने अपनी पत्नी के लिए गहरा कुआँ खोद डाला। जिससे उसे पानी मिल सकें। दरअसल उक्त क्षेत्र पहाड़ो और पत्थरो एवं चट्टानों के बीच है। यही वजह है कि यहाँ कुएं की खुदाई करना काफी कठिन काम है, लेकिन हरी सिंह चट्टानों को काट कर कुएं को तैयार कर रहा है।

पानी के लिए रहती थी चितिंत

हरी सिंह का कहना है कि उसकी पत्नी पानी के लिए हमेशा चितिंत रहती थी। वजह थी कि उसके पास पानी के लिए कोई स्रोत नहीं था। पत्नी के पानी की चिंता को जब भी वह देखता तो वह सोच में पड़ जाता कि आखिरी पानी की व्यावस्था कैसे बनाऊं। जिससे उसकी पत्नी की यह चिंता दूर हो सकें।

2 किमी दूर लेने जाती थी पानी

हरी सिंह का कहना था कि पहाड़ो के बीच मौजूद उसके घर के आस-पास पानी का कोई स्त्रोत नहीं था। जिसके चलते उसकी पत्नी दो किमी दूर पानी लेने जाती थीं। एक बाल्टी पानी उतनी दूर से लाना मानों कोई बड़ी व्यवस्था से कम नही था, लेकिन घर चलाने के लिए उसकी पत्नी पानी की चुनौतियों से लड़ रही थी।

चट्टानों के बीच कुआँ खोदने का लिया संकल्प

पत्नी को पानी की सुविधा बनाने के लिए हरी सिंह ने कुआ खोदने का संकल्प लिया और वह इस कार्य के लिए पूरे तन-मन से जुट गया। वह कुआं की काफी खुदाई कर चुका है और थोड़ा बहुत पानी भी निकल रहा है, लेकिन हरी सिंह का कहना है कि वे अपने इस संकल्प को पूरा करेगा। वह तब तक खुदाई जारी रखेगा, जब तक पानी अच्छी तरह से नही मिल जाता।

3 वर्षो से कर रहा खुदाई

हरी सिंह का कहना है कि वह अपने कुआं को तैयार करने के लिए पिछले तीन वर्षो से उस पर काम कर रहा है। पहले तो उसे लगा कि कुआं नही खोद पाएगा, लेकिन धीरे-धीरे उसे अपने इस कार्य में लगाव बढ़ता गया और वह 20 बाई 60 की कुआं को तैयार करके ही दम लेगा।

नही मिली कोई सहायता

हरी सिंह का कहना था कि वह पानी की समस्या एवं कुआं खुदाई के लिए गांव के सरपंच एवं सचिव के पास भी गए थें, लेकिन उसे यह कहते हुए कोई मदद देने से इंकार कर दिए कि उसके पास जमीन के कोई कागजात नही है।

पेशे से मजदूर है हरी

हरी सिंह पेशे से मजदूर है और वह मजदूरी का काम करके जहाँ घर की जरूरतों को पूरा करता है वही 3 वर्षो से मजदूरी करने के बाद शेष अन्य समय में अपने कुआँ में खुदाई का काम कर रहा है। हांलाकि उसके इस कार्य में उसकी पत्नी भी सहयोग कर रही है, लेकिन 40 वर्षीय व्यक्ति जिस तरह से पानी के लिए यह बड़ा संकल्प पूरा कर रहा है, उसे देख कर हर कोई यह कहने से नही रह पाता की वह चट्टानों से लड़ रहा है।

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