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एमपी के शिवपुरी में प्रदेश का सातवां टाइगर रिजर्व तैयार, छोड़े जाएंगे तीन बाघ
शिवपुरी स्थित माधव नेशनल पार्क मध्यप्रदेश का सातवां टाइगर रिजर्व बनने के लिए पूरी तरह से तैयार है। जिसमें बाघ छोड़ने की कवायद की जा रही है। पहले चरण में तीन बाघ माधव नेशनल पार्क में छोड़े जाएंगे। टाइगर रिजर्व में एनक्लोजर बाड़े बनाए जा रहे हैं। टाइगर छोड़े जाने के लिए 15 जनवरी की डेड लाइन तय की गई है। वन विभाग की मानें तो माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व बनाने का भी प्रस्ताव तैयार कर लिया है जिसे आगामी बैठक में मध्यप्रदेश स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड के समक्ष मंजूरी के लिए रखा जाएगा।
पांच बाघ छोड़ने की मंजूरी
नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथारिटी (एनटीसीए) ने शिवपुरी के माधव पार्क में पांच टाइगर छोड़े जाने को मंजूरी दी है। उक्त पार्क 354 किलोमीटर में फैला हुआ है जो शिवपुरी शहर के उत्तरी सीमा से नरवर तक जाता है। बताया गया है कि पहले चरण में एक नर और दो मादा बाघ यहां छोड़े जाएंगे। पन्ना में बाघिन की तलाश की जा रही है जबकि भोपाल की एक बाघिन और बांधवगढ़ का एक नर बाघ यहां छोड़े जाने के लिए चिन्हित कर लिया गया है।
हातोद गांव को खाली कराकर बढ़ाया दायरा
माधव नेशनल पार्क की 1956 में स्थापना की गई थी। उस दौरान इसका क्षेत्रफल मात्र 167 वर्ग किलोमीटर था। पिछले कुछ वर्षों में पार्क के उत्तरी हिस्से में हातोद गांव को खाली कराने के बाद इसमें नरवर क्षेत्र को जोड़ दिया गया। हातोद गांव दो पहाड़ों की घाटी में बसा हुहा है। लंबे समय से यह गांव माधव नेशनल पार्क के विस्तार में बड़ी बाधा था। किंतु सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस गांव को खाली कराया गया। हातोद के खाली कराने के बाद पार्क के क्षेत्रफल में वृद्धि हुई। दोनों ओर से जंगलों से घिरी हातोद गांव की घाटी में वन्य प्राणियों के लिए आवश्यक संसाधन भी मौजूद हैं।
इनका कहना है
वाइल्ड लाइफ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक जसबीर सिंह चौहान के मुताबिक माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिसे मध्यप्रदेश वाइल्ड लाइफ बोर्ड की आगामी बैठक में रखा जाएगा। स्टेट की मंजूरी मिलते ही इसे केन्द्रीय बोर्ड की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।