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मध्यप्रदेश में 21 सितम्बर से खुलेंगे स्कूल, इन कक्षाओं के लिए सरकार ने दी अनुमति
कोरोना वायरस के चलते मार्च माह से अन्य गतिविधियों की तरह पूरे देश में शैक्षणिक गतिविधियां भी बंद थी. जिन्हे अब धीरे धीरे शुरू किया जा रहा है. Unlock-4 के दौरान केंद्र सरकार ने अब 9वीं से 12वीं तक स्कूल खोलने की सशर्त अनुमति दी है. इसके लिए सरकार द्वारा SOP (Standard Operating Procedure) भी जारी कर दिया गया है. केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार ही मध्यप्रदेश सरकार ने भी स्कूल खोलने का फैंसला लिया है.
शुक्रवार को हुई स्कूल शिक्षा अधिकारियों की बैठक में शैक्षणिक गतिविधियों की आंशिक बहाली के लिए मध्यप्रदेश में भी 21 सितम्बर 2020 से स्कूलों को शुरू करने का फैंसला लिया गया है, जिसमें स्वैक्षिक आधार पर 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों को शिक्षकों से मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए स्कूल जाने के लिए अनुमति होगी.
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स्कूलों में कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर पूरी तैयारी की जाएगी. हालांकि अभी कंटेनमेंट जोन में स्कूल नहीं खोले जाएंगे. जो स्कूल खुलेंगे उनमें प्रार्थना सभा और खेलकूद की गतिविधियां नहीं होंगी. विद्यार्थी अभिभावकों की अनुमति से स्कूल आएंगे और शपथ पत्र भी जमा करना होगा. अभी बस सेवा नहीं मिलेगी.
केंद्र सरकार द्वारा दिशा निर्देशों के अनुसार
- स्कूल अपने यहाँ छात्रों की अध्ययन व्यवस्था शुरू करने या न करने के लिए स्वतंत्र होंगे.
- सभी कक्षाएं अलग अलग समय में चलेंगी, इसके लिए टाइम स्लॉट बनाए जाएंगे.
- कोरोना के लक्षण वाले छात्रों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं होगी.
- शिक्षक, छात्रों एवं स्टाफ के स्कूल में प्रवेश के दौरान द्वार में तापमान मापने के लिए थर्मल गन होना अनिवार्य होगा, साथ ही फुल बॉडी सेनेटाइज कराना होगा.
- बाथरूम, क्लासरूम, लाइब्रेरी से लेकर हर उन स्थान जहाँ स्टूडेंट मौजूद होते हैं, समय-समय पर सेनेटाइज कराना होगा.
- स्टाफ, शिक्षक और छात्रों के बीच कम से कम 6 फिट की दूरी रखनी होगी.
- स्कूल अधिकतम 50 फ़ीसदी टीचिंग एवं नॉन टीचिंग स्टाफ को ही बुला सकेंगे.
स्कूल जाने के लिए अभिभावकों की लिखित अनुमति आवश्यक
छात्र स्कूल जाकर पढ़ें या घर में ऑनलाइन शिक्षा लें, यह उनपर निर्भर करेगा. अगर छात्र स्कूल में पढ़ना चाहते हैं तो इसलिए लिए पहले स्कूल को सूचित करना होगा, और अभिभावकों की लिखित अनुमति आवश्यक होगी. बिना अभिभावक के लिखित अनुमति स्कूल छात्रों को प्रवेश नहीं दे सकेंगे.