शिवपुरी

BIG NEWS : 23 साल की महिला ने दिया 6 बच्चों को जन्म, फिर आई एक बुरी खबर : MP NEWS

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 11:43 AM IST
BIG NEWS : 23 साल की महिला ने दिया 6 बच्चों को जन्म, फिर आई एक बुरी खबर : MP NEWS
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श्योपुर/ जिसने भी सुना, उसने कहा कि यह अचरज है। एक महिला ने छठवें महीने में ही छह बच्चों को जन्म दिया है। ऐसा श्योपुर जिला अस्पताल में शनिवार को हुआ है। लोगों को जैसे ही इसके बारे में जानकारी मिली लोग अचरज में थे। हालांकि महिला पूरी तरह से सुरक्षित है। छह में से अभी तक पांच बच्चों की मौत हो गई है। वह एक बच्चे का इलाज अभी भी अस्पताल में चल रहा है।

दरअसल, बड़ौदा निवासी महिला की प्री-मैच्योर डिलीवरी के मामले में गर्भवती होने के बाद से ही स्थिति प्रतिकूल दिखने पर परिजनों ने डॉक्टरों की सलाह पर चार बार सोनोग्राफी कराई। इसमें पहली सोनोग्राफी गर्भ के दूसरे माह में ही कराई, जिसमें तीन बच्चे बताए। कोटा में एक बार और फिर श्योपुर में दो बार सोनोग्रॉफी कराई, जिसमें चार बच्चों की ही स्थिति सामने आई।

नौ घंटे में पांच बच्चों की मौत छह बच्चों के जन्म के तुरंत बाद दो बच्चियों की मौत हो गई। करीब नौ घंटे बाद तीन और बच्चों की मौत हो गई। इनमें चार बच्चे 780, 690, 640 और 615 ग्राम के, जबकि दो बच्चियां 450 और 390 ग्राम की पैदा हुई। बड़ौदा के वार्ड-7 निवासी विनोद सुमन की पत्नी मूर्तिबाई की शनिवार सुबह साढ़े नौ बजे नॉर्मल डिलवरी हुई थी। छह बच्चों को देखकर डॉक्टर भी हैरान थे।

एक एसएनसीयू में भर्ती श्योपुर सिविल सर्जन डॉ आरबी गोयल ने कहा कि महिला के द्वारा छह बच्चों के जन्म होने का श्योपुर जिले का पहला मामला है। हालांकि सभी छह बच्चे कम वजन के हैं, जिनमें से दो बालिकाओं और तीन बालकों की मौत हो गई है। जबकि एक बच्चा एसएनसीयू में भर्ती है।

प्रसूता भूरी बाई के पति विनोद सुमन ने कहा कि प्रसव की डेट तो अभी दो-ढाई महीने बाद थी, लेकिन रात से ही दर्द ज्यादा हो रहा था, इसलिए पत्नी को यहां अस्पताल लेकर आए। पहले चार बार सोनोग्राफी कराई, लेकिन उसमें चार ही बच्चे बताए गए थे।

परिजन हैं चिंतित वहीं, एक बच्चा जो बच्चा हुआ है कि उसकी स्थिति भी नाजुक बनी हुई है। ऐसे में परिवार के लोग काफी चिंतित हैं। जिला अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष में उसे रखा गया है। लेकिन पूरे शहर में यह चर्चा का विषय बना हुआ है। साथ ही लोग इसे चमत्कार भी मान रहे हैं। लेकिन बच्चों को बचाया नहीं जा सका।

Aaryan Dwivedi

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