शहडोल

वसूली के खेल में पिस रहा आमजन, परिवहन विभाग वाहनों से और वाहन संचालक यात्रियों से कर रहे वसूली : Vindhya News

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 12:12 PM IST
वसूली के खेल में पिस रहा आमजन, परिवहन विभाग वाहनों से और वाहन संचालक यात्रियों से कर रहे वसूली : Vindhya News
x
वसूली के खेल में पिस रहा आमजन, परिवहन विभाग वाहनों से और वाहन संचालक यात्रियों से कर रहे वसूली : Vindhya News रीवा। शासन के नियम-कानून तो आमजन

वसूली के खेल में पिस रहा आमजन, परिवहन विभाग वाहनों से और वाहन संचालक यात्रियों से कर रहे वसूली : Vindhya News

रीवा। शासन के नियम-कानून तो आमजन के हित को ध्यान में रखकर बनाये जाते हैं लेकिन ऐसे नियमों का उपयोग आमजन को लूटने के लिये होने लगे तो फिर जनता सुकून से कैसे रह पाएगी। इसी तरह का हाल इन दिनों परिवहन विभाग में चल रहा है। दंड का मूल्यांकन रुपया हो गया है।

परिवहन विभाग और यात्री वाहन संचालकों की कार्यप्रणाली के बीच आमजन पिस रहा है। देखा जा रहा है कि यात्री वाहन संचालक यात्रियों से मनमानी किराया वसूल रहे हैं तो वहीं परिवहन विभाग भी वाहनों के खिलाफ अभियान चलाकर जुर्माना वसूल रहा है और अपनी पीठ खुद थपथपा रहा है। दोनों की वसूली अभियान में आमजन पिस रहा है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ‘बर्ड फ्लू’ के प्रति सजग रहने के निर्देश दिये, रोग शमन के लिये अलर्ट जारी

परिवहन विभाग और यात्री वाहनों के संचालकों को सिर्फ अपनी तिजोरो भरने की चिंता है लेकिन वसूली अभियान का सीधा असर आम लोगों पर पड़ रहा। वाहन संचालक जहां मनमानी किराया आमजनों से वसूल रहे हैं। एक उदाहरण के तौर पर रीवा से नागपुर का कराया नियमतः 600-700 रुपये होगा लेकिन बस संचालक 1000 से 1500 रुपये तक वसूल रहे हैं।

वसूली के खेल में पिस रहा आमजन, परिवहन विभाग वाहनों से और वाहन संचालक यात्रियों से कर रहे वसूली : Vindhya News

यही कोरोना काल में इनकी वसूली आसमान छू रही थी। एक व्यक्ति का किराया 3000 रुपये तक वसूल किया गया। लेकिन जिम्मेदार इस दिशा में एक बार भी कार्रवाई नहीं किया। सिर्फ आये दिन सड़क पर खड़े होकर टैक्स व अन्य कई प्रकार की सीट बेल्ट, किराया सूची आदि को लेकर जुर्माना वसूल रहा है। इसका मतलब तो यही है कि नियमों के पालन या उल्लंघन से कोई लेना देना नहीं रहा, सिर्फ जुर्माना भरो और मनमानी करो।

शासन के नियमों का पालन या जुर्माना वसूलना उद्देश्य

शासन के नियम कागजों तक सीमित हो गये हैं। पालन तो जुर्माना वसूली तक सीमित रह गया है। कोई दो पहिया वाहन चालक यदि हेलमेट नहीं लगाया है तो पुलिस उसे जुर्माना लगाती है। फिर वह बिना हेलमेट ही वाहन दौड़ाता रहता है। अब सवाल यह उठता है कि पुलिस अथवा परिवहन विभाग का उद्देश्य शासन के नियमों का पालन कराना अथवा जुर्माना वसूलना।

आश्चर्य तो इस बात का है कि जुर्माना वसूलने वाले अधिकारी वाहवाही पात्र होते हैं। उन्हें अच्छे रास्तव की उगाही पर बधाईयां मिलती हैं। यही नहीं पैसे की दम पर अपनी वाहवाही का पुलिंदा भी तैयार करा लेते हैं। लेकिन यह कोई नहीं देखता कि जनता के साथ कैसा छल हो रहा है।

मेहनत मजदूरी करने वाले व्यक्ति से 10 रुपये की जगह 20 रुपये, 50 की जगह 100 रुपये और 100 की जगह 200 रुपये वसूल किया जाय तो उसे कैसा लगता होगा। लेकिन इस पर लगाम लगाने की बजाय जुर्माना कार्यवाही चलती रहे, यह कौन सा नियम है।

शासन-प्रशासन अनजान ?

वाहन संचालक और परिवहन विभाग द्वारा चलाये जा रहे वसूली अभियान से शासन-प्रशासन अनजान है। शासन-प्रशासन आमजनों की यही अपेक्षा है कि वह अवैध वाहन संचालन पर रोक लगाने कड़े कदम उठाये, जुर्माना वसूली बंद किया जाय। वहीं आमजनों से हो रही मनमानी किराया वसूली पर जांच कराकर कठोर कार्यवाही की जाय।

अब पमरे के 983 स्टेशनों में 24 घंटे रहेगी अधिकारियों नजर, 12 स्टेशनों में व्यवस्था लागू, ऐसे होगी निकरानी..

रीवाः किसानों की लड़ाई लड़ेगा यूथ कांग्रेस, पदमधर पार्क में आंदोलन 12 को…

कौन बनेगा करोड़पति की हॉट सीट पर पहुंची सिवनी की अमृता, जीत लिए..

यहाँ क्लिक कर RewaRiyasat.Com करे Official Facebook Page Like

Aaryan Dwivedi

Aaryan Dwivedi

    Next Story