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शहडोल। कोरोना की पहली लहर के 3 माह पहले सांझी रसोई ने अपनी सेवाएं पांच रुपये में भरपेट भोजन कराने का एलान करते हुए शुरू की थी। इसके बाद कोरोना संकट अचानक आ गया जिसमें इस रसोई के सदस्यों ने जी जान लगाकर सेवा की और पूरी तरह से लोगों के सहयोग से मुफ्त में लोगों का भोजन उपलब्ध कराया। चाहे ट्रेन से आने वाले यात्री हों या फिर राहगीर कोई भूखा नहीं जा पाया। कोरोना की दूसरी लहर आई तो इस टीम ने चार गुने उत्साह के साथ काम किया और पिछले डेढ़ महीने में डेढ़ लाख लोगों को भोजन कराने का रिकार्ड बना डाला।
कलेक्टर-एसपी ने सराहा
जरूरतमंदों को भरपेट भोजन कराने वाली सांझी रसोई की तारीफ कलेक्टर सतेंद्र सिंह और पुलिस अधीक्षक अवधेश गोस्वामी ने जमकर की। ये दोनों अफसर शनिवार को दोपहर के समय यहां पकाए जा रहे भोजन का निरीक्षण करने पहुंचे थे। कलेक्टर ने कहा कि जिस तरह से पूरे जिले में इस सांझी रसोई का नाम लोगों की जुबान पर है वाकई यह काम भी वैसा कर रहे हैं।
सेवा से प्रेरित होकर वंशिका गु्रप ने दिये 11 लाख रुपये
पिछले डेढ़ साल से लगातार शहडोल में पांच रुपये में भरपेट भोजन करने वाली सांझी रसोई कोरोना काल में एकदम मुफ्त भोजन लोगों को करा रही है। कोई भूखा न रहे इस बात को ध्यान में रखकर सांझी रसोई अपना काम करती है। सेवा भावना से प्रेरित होकर वंशिका ग्रुप ने सांझी रसोई के खाते में 11 लाख रुपये जमा कराए हैं। पहली लहर में भी इस सांझी रसोई ने भूखों का पेट भरने का काम किया और इस दूसरी लहर में भी यह काम बखूबी जारी है।
प्रतिदिन अलग-अलग मीनू का भोजन
सांझी रसोई के सेवादार रामित सिंह ने बताया कि दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक तथा शाम को 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक सांझी रसोई में भोजन उपलब्ध रहता है। टीम में 20 से 25 कार्यकर्ता तथा 15 सेवादारों के सहयोग से रुचिकर एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन तैयार किया जाता है। सांझी रसोई में सप्ताह में प्रतिदिन अलग-अलग मीनू के अनुसार भोजन तैयार किया जाता है। इतना ही नहीं कोविड 19 के प्रोटोकॉल मास्क का उपयोग, दो गज की दूरी तथा सैनिटाइजेशन का भी ध्यान रखा जाता है।