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शहडोल जिला अस्पताल का हाल, डाक्टर मना रहे छुट्टी और नवजात तोड़ रहे दम
शहडोल। जिला अस्पताल शहडोल (में नवजात बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। डाक्टरों की लापरवाही के चलते 27 दिन के अंतराल में 30 बच्चों की जान जा चुकी है। जिसमें 24 नवजात जिला अस्पताल में दम तोड़ चुके हैं। इसके बावजूद अस्पताल के डाक्टर अपना कर्तव्य भूलकर छुट्टियां मना रहे हैं।
बता दें एक नवजात की मौत गुरूवार को हुई जो सिर्फ 5 दिन का था। एक महीने में 30 बच्चों की मौत के बाद भी जिला चिकित्सालय शहडोल के सिविल सर्जन जीएस परिहार छुट्टी मनाने चले गये। वहीं सीएमएचओ एमएस सागर को सिविल सर्जन का प्रभार सौंपा गया है।
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बताया गया है कि डेंटिस्ट को सिविल सर्जन बनाने के विरोध में 21 डाक्टरों द्वारा सामूहिक इस्तीफा देने की पेशकश की गई थी। जिनमें से फिलहाल 7 डाक्टर छुट्टी पर हैं। गुरूवार की सुबह 3 बजे महज 5 दिन के नवजात की मौत हो गई जो देवरी गांव के लीलावती का था। वहीं गुरूवार को ही एसएनसीयू में भर्ती महज एक दिन के बच्चे की मौत हो गई। जो निगवानी की रहने वाली शिल्पी का था।
डाक्टरों की छुट्टी पर एक नजर
अस्पताल में नवजात की हो रही लगातार मौत का एक कारण डाक्टरों की छुट्टी को भी माना जा रहा है। सिविल सर्जन पद से हटाए गए डा. वीके बारिया ने छुट्टी के लिये 23 से 29 दिसंबर तक का आवेदन दिया है। वहीं डा. बीआर प्रजापति 23 से 26 दिसंबर तक की छुट्टी ली है। डा. मनोज जायसवाल ने 23 से 25 दिसंबर तक सीएल का आवेदन दिया है। डा. सुनील स्थापक ने 23 से 27 दिसंबर तक छुट्टी में हैं। डा. आरती ताम्रकार, डा. मुकुंद चतुर्वेदी एवं रेखा कारखुर द्वारा 7 दिवस के लिये बुधवार को मेडिकल अवकाश का क्लेम किया है। जिसे सिविल सर्जन द्वारा रद्द कर दिया गया इसके बावजूद अस्पताल में उपस्थित नहीं हुये हैं।