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पं. शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय शहडोल असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती घोटाला, विधानसभा अध्यक्ष की बेटी सहित 24 करीबियों को दी नौकरी
Shahdol university assistant professor recruitment scam: शहडोल की पं शंभूनाथ शुक्ल युनिवर्सिटी असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती घोटाला में नया खुलासा हुआ है. जहां मध्य प्रदेश सरकार से जुड़े नेताओं और विधानसभा अध्यक्ष के रिश्तेदारों को फर्जी तरीके से असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त करने का मामला सामने आया है. DB की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की बेटी रजनी गौतम, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव की भतीजी प्रज्ञा यादव और अन्य रिश्तेदारों को पंडित शम्भूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में भर्ती किया गया है. आरोप है कि विश्वविद्यालय ने योग्य उम्मीदवारों को दरकिनार कर मंत्री-नेताओं के करीबियों/रिश्तेदारों को नौकरी भेंट की है.
दावा किया गया है कि पंडित शम्भूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में सरकार से जुड़े नेताओं ने अपने करीबियों को जुगाड़ से नौकरी दिलवाई है. यूनिवर्सिटी में ज्यादा अंक पाने वाले उम्मीदवारों के आवेदन रिजेक्ट कर नेताओं के परिवार वालों को असिस्टेंट प्रोफेसर बनाया गया है. मेरिट लिस्ट में जिनके 86 अंक आए उन्हें नौकरी न देकर उनके नियुक्त किया जिन्होंने 40 अंक हासिल किए.
पंडित शंभूनाथ शुक्ल युनिवर्सिटी असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती घोटाला
DB की रिपोर्ट की माने तो,
- युनिवर्सिटी के कॉमर्स डिपार्टमेंट में रजनी गौतम बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त की गई हैं जो कि एमपी विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की बेटी हैं
- डॉ प्रज्ञा यादव, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव की रिश्ते में भतीजी हैं और डॉ मुनीश नेगी, शुभम यादव उनके करीबी हैं
- असिस्टेंट प्रोफेसर बने जितेंद्र सेन, उज्जैन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी हैं और उच्च शिक्षा मंत्री के करीबी हैं
- पूर्णिमा शर्मा और नीलेश शर्मा कुलपति डॉ रामशंकर दुबे की करीबी हैं
- डॉ धनीराम जामोद राजभवन में पदस्त वरिष्ठ अधिकारी के रिश्तेदार हैं
- इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट में नियुक्त हुई डॉ मौसमीकर, इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की पत्नी हैं
- कम्प्यूटर साइंस में असिस्टेंट प्रोफेसर बनी रचना मिश्रा के पति विधानसभा में अधिकारी हैं.
आरोप हैं कि यूनिवर्सिटी में पहले से पढ़ा रहे अतिथिविद्वानों जिनका अकादमिक स्कोर 80-90 से भी ज़्यादा है उनपर बेवजह आपत्ति लगाकर नौकरी से बाहर कर दिया गया और करीबियों को नियमित पद दे दिया गया.
विवि में सहायक प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया पर भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टी के लोग सवाल उठा रहे हैं। भाजपा के शहडोल जिले के वरिष्ठ नेता कैलाश तिवारी ने आरोप लगाया है कि असिस्टेंट प्रोफेसर की पूरी चयन प्रक्रिया ही दूषित है। चयन के पहले ही समाचार पत्रों में कुलपति की करीबी डॉ. पूर्णिमा शर्मा के चयनित होने की खबर आ चुकी थी। आखिर में ये सही साबित हुआ। वहीं NSUI ने विवि का घेराव कर सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति में धांधली का आरोप लगाकर प्रदर्शन किया।