
- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- शहडोल
- /
- एमपी के शहडोल में नहीं...
एमपी के शहडोल में नहीं मिल शव वाहन, गोद में उठाकर घर तक ले जाने विवश हुए परिजन

मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला प्रकाश में आया है। जिला अस्पताल में एक 21 वर्षीय युवक की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने एम्बुलेंस की मांग की किन्तु उन्हें वाहन नहीं उपलब्ध हो सका। ऐसे में वह शव को गोद में उठाकर घर तक ले जाने के लिए विवश हुए। मामला शहडोल जिले की जनपद पंचायत बुढ़ार का बताया गया है।
जिला अस्पताल में हो गई थी मौत
जनपद बुढ़ार के ग्राम भठिया के डोंगरी टोला में रहने वाले सचिव बैगा 21 वर्ष की मौत उल्टी दस्त के कारण जिला अस्पताल में रविवार को हो गई। परिजनों का कहना है कि अस्पताल से घर तक शव लाने के लिए उन्हें सरकारी एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिल सकी। इसके बाद वह उधार रुपए लिए और निजी एम्बुलेंस कर घर के एक किलोमीटर पहले तक पहुंचे। गांव का मार्ग सुगम नहीं होने के कारण यह एम्बुलेंस भी घर तक नहीं पहुंच सकी। शव को रास्ते में ही उतार दिया गया। जिसके बाद सचिन के शव को उसके पिता, चाचा समेत अन्य परिजनों ने मिलकर उठाया और पैदल ही घर तक ले गए।
गंभीर रूप से था बीमार
बताया गया है कि सचिन बैगा की उल्टी दस्त के कारण हालत काफी गंभीर हो गई थी। एक सप्ताह पूर्व उसको उपचार हेतु जिला अस्पताल लाया गया था। जहां आज उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि शव वाहन की मांग की गई किंतु उन्हें वाहन नहीं उपलब्ध हो सका। ऐसे में कर्ज लेकर वह निजी एम्बुलेंस करके घर तक शव ले जाने की सोचे। किंतु घर पहुंचने के पूर्व एक किलोमीटर तक मार्ग अत्यंत ही जर्जर है। बारिश के दिनों में यह कीचड़ में तब्दील हो जाता है। ऐसे में कोई वाहन यहां प्रवेश नहीं कर पाता। निजी एम्बुलेंस ने भी उन्हें एक किलोमीटर पहले ही उतार दिया। जिससे मजबूरी में गोद में शव को उठाकर ले जाना पड़ा। जैतपुर विधानसभा के गांव में सड़क नहीं होने के कारण परिजनों को लगभग किलोमीटर की दूरी शव को उठाकर पैदल ही तय करना पड़ा।
