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Asia's Biggest Climbing Wall: एमपी के शहडोल में 6 करोड़ की लागत से तैयार हुई एशिया की सबसे बड़ी क्लाइंबिंग वॉल, यह है खासियत
मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में एशिया की सबसे बड़ी क्लाइंबिंग वॉल तैयार हो चुकी है। इसका निर्माण 6 करोड़ रुपए की लागत से कराया गया है। शहडोल के विचारपुर में स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग वॉल को लगाने का काम पूरा हो चुका है। यूरोपियन देशों में क्लाइंबिंग वॉल का खेल बहुत मशहूर है। ओलंपिक खेल के दौरान इन्हीं देशों का डंका विश्व में बजता है। जिस कारण से अब भारत में भी इसकी तैयारियां जोरों से की जा रही हैं। प्रदेश सरकार ने आदिवासी बच्चों को इस खेल से जोड़ने की रणनीति भी तैयार की है।
देश की पहली सर्व सुविधायुक्त इकाई
कमिश्नर राजीव वर्मा का कहना है कि शहडोल में बनाई गई यह भारत की पहली सर्व सुविधायुक्त इकाई है। जो इतने बड़े पैमाने पर बनाई गई है। यहां पर खिलाड़ियों और 350 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है। इसके साथ ही क्रीड़ा परिसर में ठहरने और भोजन की व्यवस्था है। स्पोर्ट्स काम्पलेक्स में 100 सीटर विद्यार्थियों के रहने के लिए छात्रावास भी उपलब्ध है। आदिवासी समुदाय के बच्चों के लिए यहां खेल की सुविधा बिल्कुल निःशुल्क रहेगी।
प्रदेश की पहली 3 क्लाइंबिंग वॉल
आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त आनंद राय सिन्हा के मुताबिक यह प्रदेश की पहली एक साथ 3 क्लाइंबिंग वॉल वाली यूनिट है। अभी एक साथ इस तरह की एक साथ 3 क्लाइंबिंग वॉल कहीं पर भी नहीं है। उन्होंने बताया कि भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय और दयानंद स्कूल में लगी यूनिट महामारी के बाद से बंद है। वहीं लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन में लगी यूनिट भी वर्षों से बंद पड़ी हुई है।
यह होगा फायदा
आदिवासी क्षेत्र में रहने वाले युवाओं को सेना की भर्ती में इस खेल का सीधा फायदा पहुंचेगा। इसके साथ ही पर्वतारोही और रेस्क्यू के गुर सीखने में भी मदद मिल सकेगी। सेना के मद्रास रेजीमेंट और गढ़वाल रेजीमेंट की भर्ती में इस प्रकार के खेल को अधिक महत्व दिया जाता है। इसके अलावा ओलपिंक में भी इसका फायदा मिलेगा। स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग वॉल का हुनर सीखने वालों का कहा है कि अभी इस खेल में भारत की स्थिति काफी खराब है। 2023 के ओलंपिक खेल में पोजिशिन हाईजेस्ट 31वें नंबर पर रही है। ओलंपिक में जापान, चीन, अमेरिका, इंडोनेशिया, कोरिया, ईरान के साथ ही रसिया का दबदबा रहता है।
एमपी के आदिवासी बच्चे भी ओलंपिक खेलों में दिखा सकेंगे अपना हुनर
शहडोल के विचारपुर में फ्रांस की एक कंपनी ने एशिया की सबसे बड़ी स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग वॉल तैयार की है। ऐसे में मध्यप्रदेश के आदिवासी बच्चे भी ओलंपिक खेलों में अपना हुनर दिखा सकेंगे। प्रदेश सरकार का मानना है कि आदिवासी युवाओं की मांसपेशी और शारीरिक क्षमता ज्यादा प्रभावी होती है। इसके साथ ही पर्वतों में उतरने और चढ़ने का हुनर शहरी बच्चों की अपेक्षा आदिवासी बच्चों में अधिक होता है। भारत सरकार ने क्लाइंबिंग वॉल खेल में आदिवासी बच्चों को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसी को ध्यान में रखते हुए शहडोल के विचारपुर में प्रदेश सरकार द्वारा एशिया की सबसे बड़ी स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग वॉल का निर्माण कराया गया है।