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मंत्री पटवारी के बयान पर मचा बवाल, पटवारी संघ की दो टूक- माफी मांगे वर्ना हड़ताल पर जाएंगे
शहडोल/बड़वानी। उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी के बयान कि सौ फीसदी पटवारी रिश्वत लेते हैं के बाद से ही प्रदेश में बवाल मच गया है। पटवारी संघ ने मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बड़वानी जिले में पटवारी संघ से जुड़े पदाधिकारियों ने मंत्री के इस्तीफे और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की और ये भी साफ कर दिया कि अगर तीन दिन में उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वो प्रदेश स्तर पर मंत्री पटवारी के खिलाफ आंदोलन छेड़ देंगे। इस दौरान पटवारियों ने उच्च शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की और एसडीएम को मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम ज्ञापन भी सौंपा।
बड़वानी की तरह शहडोल में भी मंत्री के इस बयान के बाद पटवारियों ने मैदान पकड़ लिया है। वो मंत्री से माफी मांगने की मांग कर रहे हैं। पटवारियों ने मंत्री के बयान का विरोध किया और कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपा। साथ ही यह भी चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो वो हड़ताल पर चले जाएंगे। पटवारियों के हड़ताल पर चले जाने से निश्चित तौर पर सरकारी कामकाज में बाधा आएगी।
बता दें कि प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री ने शनिवार को उनके विधानसभा क्षेत्र के रंगवासा में 'आपकी सरकार-आपके द्वार' कार्यक्रम में उनकी यही पीड़ा मंच से उभर आई थी। हजारों की तादाद में मौजूद किसानों और अधिकारियों की मौजूदगी में मंत्री ने कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव को संबोधित करते हुए कहा था कि 100 प्रतिशत पटवारी रिश्वत लेते हैं। बिना पैसा लिए काम ही नहीं करते। मेरे नाम में भी पटवारी है, इसलिए मेरा भी नाम बदनाम होता है।
मंत्री पटवारी ने यह भी कहा था कि पटवारियों से हाथ जोड़कर निवेदन करने पर भी नहीं मानते। कोई किसान ऊपर का पैसा दे रहा है तो वह गलत कर रहा है, उसकी भी जिम्मेदारी है। रिश्वत लेने वाला दोषी है तो देने वाला भी दोषी है। थोड़ा लड़ो, नेताओं को भी झिंझोड़ो, चार बात सुनाओ, क्योंकि आपके वोट की कीमत है। मंत्री ने कलेक्टर से अनुरोध किया कि वे पटवारियों पर लगाम कसें। हालांकि अपने बयान पर बचे बवाल के बाद उन्होंने ट्वीट कर सफाई भी दी कि, लेकिन बात नहीं बनी और पटवारी संघ ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।