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जानिए कैसे ट्रेन के ड्राइवर को सामने खड़ा कर शहडोल स्टेशन में करवाई गई थी अटल जी की सभा
शहडोल: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की यादें शहडोल से भी जुड़ी रही हैं। 1986 में अटलजी शहडोल आए थे और गांधी स्टेडियम में सभा को संबोधित किया था। तब भारतीय जनता पार्टी का शुरुआती दौर था और वे प्रदेश भर में सभाएं कर रहे थे। अटल जी ने शहडोल सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम भी किया था।
वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश तिवारी ने अटल जी से जुड़ा 1986-87 का एक यादगार वाकया बताया। उन्होंने बताया कि एक बार अटल जी उत्कल एक्सप्रेस से उड़ीसा जा रहे थे। ट्रेन जब शहडोल स्टेशन पर पहुंची तो पार्टी के नेता और आम लोग उनसे मिलने के लिए खड़े हुए थे। उस समय अमर नाथ शर्मा भाजपा के जिला अध्यक्ष थे। लोग अटल जी को सुनना चाहते थे। वे जिद करने लगे कि अटलजी ट्रेन से उतर कर संबोधित करें। रेलवे के कर्मचारी भी चाहते थे कि उनकी सभा हो जाए। अटल ने कहा, ये कैसे संभव है, यहां काफी कम समय के लिए ट्रेन रुकती है, मेरी ट्रेन छूट जााएगी। मैं नीचे नहीं उतरूंगा। फिर कुछ रेलवे के कर्मचारी और स्थानीय भाजपा नेता ट्रेन के ड्राइवर को वहां लेकर आ गए। इसके बाद तत्काल माइक लगाकर उनका सभी कराई गई। करीब 7 मिनट तक उन्होंने लोगों को संबोधित किया। इस दौरान जेठानंद भागदेव, रमेश गुप्ता, सूर्यवंश मिश्रा, लल्लू सिंह, लल्लू लाल गुप्ता, काशीनाथ कटारे आदि मौजूद थे।
पहले तो मुझे रामायण सीरियल देखना है 1988 में अटल बिहारी बाजपेयी का अनूपपुर आगमन हुआ था। वह चिरमिरी मनेंद्रगढ़ जाने के लिए उत्कल एक्सप्रेस से अनूपपुर आए थे। स्टेशन पर उतरते ही उन्होंने कहा कि अनूपपुर में मेरा क्या कार्यक्रम है। एक कार्यकर्ता ने जोश से कहा कि आपका यहां नाश्ते का कार्यक्रम है तो अटल जी ने हंसकर कहा वाह बहुत बड़ा कार्यक्रम है। मैं विश्राम गृह चलता हूं नहाने के उपरांत मुझे किसी कार्यकर्ता के घर जाकर रामायण सीरियल देखना है। उमरिया में भी 1992 में ट्रेन से गुजरते हुए स्टेशन पर उतरकर उन्होंने पांच मिनट तक कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था।