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सतना के सर्किट हाउस में दर्दनाक हादसा: बस ने बाइक सवार को मारी टक्कर, सड़क पर गिरे बच्चे को कार ने कुचला, मौत; मां घायल
सतना (मध्य प्रदेश). मंगलवार शाम सतना शहर के सर्किट हाउस चौराहे पर एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें एक मासूम बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसकी मां गंभीर रूप से घायल हो गई। घटना उस वक्त हुई जब भारी ट्रैफिक दबाव के बीच एक तेज रफ्तार बस ने एक बाइक को टक्कर मार दी। बाइक पर सवार परिवार सड़क पर गिर पड़ा, और उसी दौरान एक अनियंत्रित कार ने मासूम बच्चे को कुचल दिया। बच्चे की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई, जबकि उसकी मां को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
परिवार पर टूटा कहर, मां भी घायल
दुर्घटना में दिनेश यादव, उनकी पत्नी निशा, 6 साल का बेटा कृष्णा (अभि) और 6 माह की बेटी शामिल थे। टक्कर लगने के बाद निशा और उनका बेटा सड़क पर गिर पड़े, और तभी कार के पहिए ने कृष्णा को कुचल दिया। उसे तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों के अनुसार इलाज शुरू होने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी। निशा को भी गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। दिनेश और उनकी 6 माह की बेटी इस हादसे में बाल-बाल बच गए।
बस चालक फरार, कार चालक गिरफ्तार
हादसे के बाद, बस चालक अपनी बस लेकर मौके से फरार हो गया, जबकि कार चालक को मौके पर मौजूद लोगों और ट्रैफिक पुलिस ने पकड़ लिया। उसे सिटी कोतवाली में हिरासत में रखा गया है। हादसे के कारण चौराहे पर काफी अफरा-तफरी मच गई थी, जिसमें एक और कार भी एक ई-रिक्शा से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गई।
सतना के चौराहों पर यातायात की बिगड़ती स्थिति
सतना शहर के प्रमुख चौराहों पर यातायात की स्थिति दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है। सर्किट हाउस चौराहे पर अव्यवस्थित बस, ऑटो और ई-रिक्शा का अघोषित स्टैंड बन चुका है। वाहन चालक यातायात नियमों की अनदेखी करते हुए सवारी उठाते और उतारते हैं, जिससे पूरे दिन जाम लगा रहता है और हादसों का खतरा बना रहता है। ऐसा ही हाल सिविल लाइन चौराहे का भी है, जहां ट्रैफिक सिग्नल के बावजूद ऑटो और ठेले अव्यवस्था फैलाते हैं।
ट्रैफिक व्यवस्था की कमी और प्रशासन की उदासीनता
ट्रैफिक सुधार के नाम पर मूवेबल डिवाइडर लगा दिए गए हैं, लेकिन इससे स्थिति में सुधार नहीं हो पाया है। सतना की सड़कों को ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन ने प्रयोगशाला बना दिया है, जहां दुर्घटनाएं आम हो चुकी हैं। बसों और ऑटो रिक्शाओं पर कोई सख्ती नहीं की जाती, जिससे अन्य वाहन चालकों पर चालान लगाए जाते हैं। ट्रैफिक पुलिस द्वारा न तो प्रभावी कार्रवाई की जा रही है, और न ही किसी प्रकार का सुधार दिख रहा है।