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REWA: जिस पर्वत में श्री राम ने ली थी प्रतिज्ञा, वहां एमपी सरकार हीरे की तलाश में खनन करवा रही
REWA: मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार हीरे की तलाश में ना सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है बल्कि अब तो हिन्दुओं के आराध्य भगवान श्री राम से जुड़े पर्वत को बर्बाद करने में तुल गई है. रोज़ एक पौधा रोपने वाले एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हीरे की खोज में बक्स्वाहा के लाखों पेड़ कटवाने का आर्डर दिया और अब विंध्य क्षेत्र में मौजूद सिद्धा पहाड़ में चमकते हुए कोयले के लिए वहां खनन करने का प्रयास कर रही है.
बता दें कि मध्य प्रदेश के सतना जिले के चित्रकूट में भगवान श्री राम कुछ वर्षों के लिए ठहरे थे, चित्रकूट में श्रीराम के 14 साल के वनवास का दूसरा पड़ाव था. पौराणिक कथाओं के अनुसार बिरसिंगपुर में मौजूद सिद्धा पहाड़ में श्रीराम ने निशाचरों का नाश करके अपनी पहली प्रतिज्ञा ली थी और अब इसी पवित्र पहाड़ का नाश करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार अड़ गई है. सरकार को यहां हीरा मिलने के संकेत मिले हैं. जहां खनन शुरू होने वाला है.
राम-राम जप कर वोट मांगते हैं
बीजेपी पार्टी के नेता राम नाम पर वोट मांगते हैं, श्री राम मंदिर निर्माण करते हैं और उन्ही आराध्य से जुड़े पवित्र स्थान में हीरे के लिए खुदाई करके उस स्थान का सत्यानाश भी करते हैं. सरकार को हीरा चाहिए, हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करके मिले या फिर लाखों पेड़ काटकर हीरा मिले।
दरअसल रीवा के त्योंथर तहसील के 3 गांव, सोहागी, मझगंवा और पूर्वा में सर्वे हुआ था, यहां की जमीन के अंदर डायमंड ब्लॉक मिलने के संकेत दिखाई दिए हैं. जिसकी वजह से रीवा की धरती हीरा उगले वाली योजना शुरू की जाएगी। ऐसा ही डायमंड ब्लॉक सिद्धा पर्वत में मिला है. जहां सरकार खनन करने के लिए आतुर हो गई है. लेकिन इसके विरोध में खुद बीजेपी नेता और पर्यावरण एक्टिविस्ट आ गए हैं.
बीजेपी MLA ने सीएम को लिखा पत्र
सिद्धा पहाड़ में हीरे की खोज को लेकर होने वाले खनन के विरोध में मैहर के बीजेपी विधायक नयारण त्रिपाठी ने सीएम शिवराज को पत्र लिखा है. सिद्धा पहाड़ राम पथ गमन प्रोजेक्ट में शामिल है. यह धार्मिक पर्यटन का हिस्सा है. MLA ने अपनी ही सरकार को तत्काल खनन रोकने का अल्टीमेटम दिया है. ना सिर्फ बीजेपी बल्कि एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ भी इसका विरोध कर रहे हैं.
सिद्धा पर्वत में श्री राम ने ली थी प्रतिज्ञा
सतना जिले के बिरसिंगपुर में सिद्धा पर्वत मौजूद है, जहां भगवान श्रीराम ने दानवों का वध करके अपनी पहली प्रतिज्ञा ली थी. रामचरित मानस के अरण्य कांड में यह उल्लेख भी है कि- जब भगवान चित्रकूट से आगे बढे तो उन्हें सिद्धा पहाड़ मिला था, जो ऋषि-मुनियों की अस्थियों से बना था, राक्षसों ने उन ऋषियों को मारकर पहाड़ बना दिया था. यहीं श्री राम ने उन दानवों का नाश करके अपनी पहली प्रतिज्ञा ली थी.
निसिचर हीन करउं महि, भुज उठा पन कीन्ह।
सकल मुनिन्ह के आश्रमन्हि जाइ जाइ सुख दीन्ह।
जहां से गुजरे श्रीराम वहां हीरे के लिए खनन
पौराणिक गाथाओं के अनुसार श्री राम रीवा के तराई से होकर गुजरे थे. जहां सोहागी, मझगंवा और कई गांव आते हैं. यह सब राम पथ गमन प्रोजेक्ट में शामिल हैं. अब जिस सरकार ने राम पथ गमन बनाने की बात की वही सरकार उसी राम पथ को खोदने में उतारू है.
हीरा पाने के लिए सरकार इतनी ही उतारू है तो जाए रॉकेट से ब्रह्माण्ड की सैर करे, वहां पृथ्वी से भी बड़े आकर के हीरे मौजूद हैं इतना हीरा है कि पहनने के लिए इंसान कम पड़ जाएंगे। एक चमकते हुए कोयले के लिए कभी पेड़ों को काटा जा रहा है तो पविर्त स्थानों को बर्बाद किया जा रहा है.
सड़क में उतरेंगे नारायण
प्रदेश सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ खुद बीजेपी MLA नारायण त्रिपाठी ने मोर्चा खोला है, उन्होंने कहा है कि राम पथ गमन वाले स्थानों में अगर खनन नहीं रुकता है तो सड़क में उतर कर विरोध होगा अगर सरकार ने तत्काल इन क्षेत्रों को खनन मुक्त नहीं घोषित किया तो सतना से सरभंगा तक इसका विरोध होगा।