सतना

डकैत पर शुरू हुई राजनीति, एनकाउंटर को बताया फर्जी : SATNA NEWS

News Desk
4 April 2021 4:05 PM IST
डकैत पर शुरू हुई राजनीति, एनकाउंटर को बताया फर्जी : SATNA NEWS
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सतना। मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश की बॉर्डर में चित्रकूट के पास बहिलपुरवा के जंगल में उत्तर प्रदेश एसटीएफ द्वारा बुधवार को डकैत गैंग गौरी यादव के सदस्य भालचंद यादव को मुठभेड़ मे मार गिराया गया था। अब इस मामले में राजनीति गरमा गई है। चित्रकूट के कांग्रेस विधायक निलांशू चतुर्वेदी ने शनिवार को इस पूरे मामले में सीबीआइ जांच की मांग करते हुए भालचंद के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने सरकार से मांग की है। विधायक ने इस पूरे एनकाउंटर को फर्जी करार देते हुए इसके पीछे मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकार पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि सरकार के निर्देशों पर चल रही पुलिस ने मनरेगा में काम करने वाले बेकसूर मजदूर को डकैत बनाकर उसका एनकाउंटर कर दिया जो की पूरी तरह फर्जी है।

सतना। मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश की बॉर्डर में चित्रकूट के पास बहिलपुरवा के जंगल में उत्तर प्रदेश एसटीएफ द्वारा बुधवार को डकैत गैंग गौरी यादव के सदस्य भालचंद यादव को मुठभेड़ मे मार गिराया गया था। अब इस मामले में राजनीति गरमा गई है। चित्रकूट के कांग्रेस विधायक निलांशू चतुर्वेदी ने शनिवार को इस पूरे मामले में सीबीआइ जांच की मांग करते हुए भालचंद के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने सरकार से मांग की है। विधायक ने इस पूरे एनकाउंटर को फर्जी करार देते हुए इसके पीछे मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकार पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि सरकार के निर्देशों पर चल रही पुलिस ने मनरेगा में काम करने वाले बेकसूर मजदूर को डकैत बनाकर उसका एनकाउंटर कर दिया जो की पूरी तरह फर्जी है।

इस मामले में अब कांग्रेस द्वारा पीड़ित पक्ष की मदद करने के लिए मानवाधिकार आयोग में जाने के साथ-साथ सीबीआई जांच की मांग पत्रकारवार्ता कर की गई है। इस दौरान जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप मिश्रा, नगर कांग्रेस अध्यक्ष मकसूद अहमद, प्रवक्ता अतुल सिंह परिहार और भालचंद के वकील रामनरेश त्रिपाठी सहित अन्य उपस्थित रहे।

विधायक ने लगाए आरोप

उत्तर प्रदेश की पुलिस एमपी के क्षेत्र में रह रह मजदूरों के नाम पर फर्जी मुकदमें दर्ज कर देती है और सरकार की सह पर बाद में उन्हें डकैत करार कर उनका एनकाउंटर कर देती है। विधायक ने एमपी पुलिस पर भी आरोप लगाते हुए कहा है कि बिना पुलिस अधीक्षक की अनुमति के उत्तर प्रदेश की एसटीएफ कैसे सतना आकर न्यायालय से लौटते वक्त भालचंद को उठाकर ले गई और हत्या कर दी। इसकी सीबीआई जांच होना चाहिए। क्योंकि दोपहर दो बजे न्यायालय में पेशी के बाद शाम पांच बजे मुठभेड़ में मार गिराए जाने की घटना कैसे हो सकती है ।

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