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लोकसभा चुनाव 2024: सतना में फिर गणेश बनाम सिद्धार्थ, सीधी में कांग्रेस को कमलेश्वर पर भरोसा
रीवा। भाजपा द्वारा प्रत्याशी उतारे जाने के लगभग एक पखवाड़े बाद कांग्रेस ने विंध्य में अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। हालांकि अभी विंध्य के चार में से दो लोकसभा सीटों सतना व सीधी संसदीय क्षेत्र से ही प्रत्याशी उतारे हैं जो दोनों पिछड़ा वर्ग के खाते गए हैं। अभी रीवा व शहडोल लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशी होल्ड रखे गए हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि होली के पहले या उसके बाद नामों की घोषणा हो सकती है।
ज्ञात हो कि मंगलवार को कांग्रेस ने प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 10 लोकसभा सीटों में अपना पत्ता खोल दिया है जिसमें विंध्य की दो लोकसभा सीटें भी शामिल हैं। कांग्रेस ने विंध्य की जिन दो लोकसभा सीटों में प्रत्याशी उतारे हैं उनमें सतना व सीधी शामिल हैं। सतना संसदीय सीट से सतना विधायक व पिछड़ा वर्ग के कुशवाहा समाज से ताल्लुक रखने वाले सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू को टिकट दिया गया है। जबकि सीधी संसदीय क्षेत्र से सीडब्ल्यूसी सदस्य व पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल को उतारा गया है।
अहम बात यह है कि कांग्रेस ने पहले चरण के टिकट घोषणा में विंध्य में केवल पिछड़ा वर्ग पर भरोसा जताया है। शहडोल आदिवासी बाहुल्य वनांचल क्षेत्र है। भाजपा ने यहां आदिवासी प्रत्याशी उतारा है इसलिए कांग्रेस से भी आदिवासी प्रत्याशी उतारने की पूरी संभावना है। रही बात रीवा की तो यहां कांग्रेस जातीय समीकरण साधने संख्याबल में बहुसंख्यक ब्राह्मण प्रत्याशी उतार सकती है।
बता दें कि रीवा संभाग में ब्राह्मण व पिछडावर्ग संख्याबल में मजबूत व समकक्ष हैं। भाजपा ने विंध्य में दो ब्राह्मण, एक पिछड़ा व एक आदिवासी कंडीडेट उतारे हैं तो कांग्रेस ने ठीक उलटे दो पिछड़ा वर्ग प्रत्याशी उतार दिया है। अभी दो सीटें घोषित होनी हैं जिसमें कांग्रेस रीवा में ब्राह्मण व शहडोल में आदिवासी प्रत्याशी दे सकती है। इस तरह दोनों दलों ने संख्याबल में भारी जातियों के मध्य टिकटों का बंटवारा किया है।
एक बार फिर गणेश के सामने सिद्धार्थ
संसदीय क्षेत्र सतना में विधानसभा सीट सतना के भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी दोनों इस चुनाव में फिर आमने-सामने होंगे। कांग्रेस से सिद्धार्थ कुशवाहा तो भाजपा से गणेश सिंह को टिकट दिया गया है। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस विधायक सिद्धार्य के जमते पांव को उच्वाइने के लिए पटेल वर्ग के नेता और तीन बार के सांसद गणेश सिंह पटेल को मैदान में उतारा लेकिन भाजपा का यह दांव उलटा पड़ गया। गणेश सिंह विधानसभा चुनाव हार गए। अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा की तरह दांव खेला है। विधानसभा चुनाव में मिली सफलता से उत्साहित कांग्रेस ने भाजपा के गणेश का पांव हिलाने फिर सिद्धार्थ को उतार दिया है। इस तरह सतना संसदीय चुनाव फिर गणेश बनाम सिद्धार्थ हो गया है। इस बार किसका पलड़ा भारी पड़ेगा, आने वाला समय बताएगा।
सीधी में तीसरी बार पिछड़ा वर्ग पर दांव लगा रही कांग्रेस
2007 में अनारक्षित संसदीय सीट घोषित किए जाने के बाद सीधी से कांग्रेस तीसरी बार पिछड़ा वर्ग पर दांव लगा रही है। 2009 व 2014 के चुनाव में पूर्व मंत्री स्व. इंद्रजीत सिंह पटेल को टिकट दिया गया था। दोनो चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा पहले चुनाव में गोविंद मिश्रा तो दूसरे में रीति पाठक चुनाव जीतीं। 2019 के चुनाव में कांग्रेस क्षत्रिय पर दांव लगाया लेकिन यह भी फेल रहा। सीधी ही नहीं विंध्य सबसे कद्दावर नेताओं में शुमार अर्जुन के पुत्र पूर्व मंत्री अजय सिंह राहुल को मैदान में उतारा लेकिन व रीति पाठक से चुनाव हार गए।
इस बार 2024 के चुनाव में कांग्रेस ले फिर से पिछड़ा वर्ग से पूर्व मंत्री इंदजीत सिंह पटेल के पुत्र पूर्व मंत्री व सीडब्ल्यूसी सदस्य कमलेश्वर पटेल को मैदान में उतारा है। हालांकि भाजपा ने इस बार प्रत्याशी बदल दिया है। सांसद रीति पाठक की जगह डॉ राजेश मिश्रा को मैदान में उतारा है। डॉ मिश्रा चुनावी मैदान के नए खिलाड़ी हैं और कमलेश्वर पटेल दो बार के विधायक, वानी मंझे खिलाड़ी। लेकिन यहां कमलेश्वर को मैदान में मोदी मैजिक से लड़ना होगा। देखा यह जा रहा है कि पिछले चार लोकसभा चुनावों में कांग्रेस विधान सभा चुनाव हारने वाले कंडीडेटों पर ही दांव आजमा रही है। अभी तक तो सफल नहीं रहा, इस बार क्या होगा चुनाव परिणाम बताएंगा।
रीवा से महिला कंडीडेट उतार सकती है कांग्रेस?
रीवा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस का ब्राह्मण प्रत्याशी उतारना तय माना जा रहा है। कारण यह कि सतना व सीधी संसदीय क्षेत्र से वह पिछड़ा वर्ग कंडीडेट उतार चुकी है इसलिए रीवा में सामान्य वर्ग ब्राह्मण कंडीडेट ही मैदान उतारेगी, ऐसी संभावना प्रबल है। वैसे तो रीवा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के कई दावेदार हैं जिनमें ब्राह्मण वर्ग से अजय मिश्रा बाबा, विधायक अभय मिश्रा व राजेंद्र मिश्रा का नाम माना जा रहा है।
पिछड़ा वर्ग से पूर्व सांसद देवराज सिंह पटेल व राजमणि पटेल का नाम भी था लेकिन अब पिछड़ा वर्ग से कंडीडेट उतारने की संभावनाएं कमजोर हो गई हैं इसलिए ब्राह्मण वर्ग के कंडीडेट पर ही जोर हो सकता है। इनमें अभय मिश्रा व अजय मिश्रा बाबा ज्यादा मजबूत हैं।
चूंकि भाजपा ने विंध्य में एक सीट महिला कंडीडेट को दी है इसलिए कांग्रेस भी एक महिला कंडीडेट उतारेगी। ऐसी परिस्थिति में रीवा से महिला कंडीडेट उतारने की संभावना मजबूत है। जिसमें पहला नाम पूर्व विधायक नीलम मिश्रा, जो सेमारीय विधायक अभय मिश्रा की पत्नी हैं उनके नाम पर मुहर लग सकती है, ऐसी चर्चा भी है। हालांकि कविता पांडेय भी मजबूत दावा कर रही थीं लेकिन उनका स्कोर कम पड़ रहा है।
Neelam Dwivedi | रीवा रियासत
नीलम द्विवेदी जर्नलिज़्म से स्नात्कोत्तर हैं। 2016 से रीवा रियासत डॉट कॉम में बतौर कंटेंट राइटर कार्यरत हैं। इन्हें देश-दुनिया, राजनीति के अलावा स्पोर्ट्स, हेल्थ, होम डेकोर, रिलेशनशिप, लाइफस्टाइल और एंटर्टेंमेंट जैसे टॉपिक्स पर लिखने का अनुभव है। इसके अलावा खाली समय में नेचर को एक्सप्लोर करना पसंद करती हैं। साथ ही म्यूजिक, थिएटर और किताबों में भी इनकी बहुत रुचि है।