सतना

अब सागर की लहरों में भी विंध्य का नाम: सतना के दिनेश कुमार त्रिपाठी होंगे नए नेवी प्रमुख, रीवा के सैनिक स्कूल से की है पढ़ाई

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत
20 April 2024 11:48 AM IST
Updated: 2024-04-20 06:23:56
Dinesh Kumar Tripathi of Satna will be new Navy Chief
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30 अप्रैल को मौजूदा एडमिरल राधाकृष्णन हरि कुमार के सेवानिवृत्त होने पर दिल्ली स्थित मुख्यालय पर दिनेश नौसेना अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करेंगे।

सतना. वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी देश के नए नेवी प्रमुख होंगे। 30 अप्रैल को मौजूदा एडमिरल राधाकृष्णन हरि कुमार के सेवानिवृत्त होने पर दिल्ली स्थित मुख्यालय पर दिनेश नौसेना अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करेंगे। सागर की लहरों पर विंध्य का नाम लिखने जा रहे उप नौ सेनाध्यक्ष नेवी के टॉप सेकंड ऑफिसर हैं।

दिनेश ने 15 जनवरी 2018 से 30 मार्च 2019 तक पूर्वी बेड़े की कमान संभाली। जून 2019 में वाइस एडमिरल के पद पर पदोन्नत होने पर केरल के एझिमाला में प्रतिष्ठित भारतीय नौसेना अकादमी के कमांडेंट के रूप में काम कर रहे हैं। त्रिपाठी को परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक और नव सेना पदक से सम्मानित किया जा चुका है।

दिनेश का जन्म सतना जिले के रामपुर बाघेलान ब्लॉक अंतर्गत महुड़र गांव में मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। त्रिपाठी ने रीवा के सैनिक स्कूल में 1973-74 में दाखिला लेकर कक्षा 6 से 12वीं तक की पढ़ाई की। 1981 में सैनिक स्कूल से पासआउट होकर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासला में पढ़ाई कर नौसेना का प्रशिक्षण लिया। 1 जुलाई 1985 को नौसेना में कमीशन हो गया। त्रिपाठी डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज वेलिंगटन से स्नातक हैं। उन्हें थिमय्या पदक से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने 2007-08 में यूएस नेवल वॉर कॉलेज न्यूपोर्ट रोड आइलैंड में नौसेना उच्च कमान पाठ्यक्रम और नौसेना कमान कॉलेज में भाग लिया। वहां प्रतिष्ठित रॉबर्ट बेटमैन अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीता। आइएनएस विनाश और आइएनएस त्रिशूल की कमान भी संभाल चुके हैं। 2005 में भारत के राष्ट्रपति रहे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा बेड़े की समीक्षा के दौरान किर्च की कमान संभाली थी।

गांव की सरकारी स्कूल से निकला हीरा

दिनेश के जीजा दिनकर द्विवेदी ने बताया कि दिनेश कुमार त्रिपाठी ने कक्षा एक से लेकर 5वीं की पढ़ाई महुड़र गांव की शासकीय प्राथमिक पाठशाला से की। उनके पिता मुनि कुमार त्रिपाठी का 2018 में निधन हो चुका है। वे कंपाउडर रहे हैं। माता रजनी त्रिपाठी गृहणी हैं। वह तीन भाइयों में सबसे बड़े हैं। दूसरे नंबर के भाई वीरेन्द्र कुमार त्रिपाठी का आयुर्वेद विभाग में कंपाउडर पद पर रहते निधन हो चुका है। तीसरे नंबर के भाई धनंजय त्रिपाठी सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। वे लंदन में परिवार के साथ रहते हैं। छोटी बहन शशिकला द्विवेदी पड़ोसी गांव सिमरिया में ब्याही है। इकलौता बेटा दिव्यम त्रिपाठी रायपुर छत्तीसगढ़ से एलएलएम कर दिल्ली में वकालत की प्रैक्टिस कर रहा है।

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