सतना

Chitrakoot Twins Murder Case / मासूम जुड़वा भाई श्रेयांश-प्रियांश हत्याकांड में कोर्ट का ऐतिहासिक फैंसला, 5 आरोपियों को दोहरी उम्रकैद की सजा

Aaryan Dwivedi
26 July 2021 7:18 PM GMT
Chitrakoot Twins Murder Case / मासूम जुड़वा भाई श्रेयांश-प्रियांश हत्याकांड में कोर्ट का ऐतिहासिक फैंसला, 5 आरोपियों को दोहरी उम्रकैद की सजा
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सतना. जिले के चित्रकूट में मासूम जुड़वा भाई श्रेयांश-प्रियांश के हत्याकांड के मामले सतना कोर्ट ने एतिहासिक फैसला सुनाते हुये 5 आरोपियों को दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई है. यानि की एक उम्र कैद की सजा पूरी होने पर दूसरी उम्र कैद शुरू होगी. 

Chitrakoot Twins Murder Case / सतना. जिले के चित्रकूट में मासूम जुड़वा भाई श्रेयांश-प्रियांश के हत्याकांड के मामले सतना कोर्ट ने एतिहासिक फैसला सुनाते हुये 5 आरोपियों को दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई है. यानि की एक उम्र कैद की सजा पूरी होने पर दूसरी उम्र कैद शुरू होगी.

दरअसल सतना जिले के चित्रकूट में 6 साल के जुड़वां भाई श्रेयांश-प्रियांश के हत्याकांड में सोमवार को कोर्ट ने 5 आरोपियों को यह सजा सुनाई है. इस मामले में एक और मुख्य आरोपी था जिसनें जेल में ही आत्महत्या कर ली थी.

887 दिन बाद फैसला

घटना के 887 दिन बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. 5 में से 3 को अपहरण और हत्या का दोषी माना जबकि 2 को अपहरण और आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया. चित्रकूट में 12 फरवरी 2019 को जुड़वां भाइयों का अपहरण हुआ था. पुलिस ने 24 फरवरी 2019 को दोनों की लाश बरामद की थी.

मुख्य आरोपी ने जेल में लगा ली थी फांसी

दोहरी हत्याकांड में कुल 6 आरोपी थे, जिनमें से मुख्य आरोपी रामकेश यादव ने जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. रामकेश दोनों भाइयों को घर में टयूशन पढ़ता था.
पैसो के लिये अपहरण कर की थी हत्या

बता दें कि चित्रकूट के तेल कारोबारी बृजेश रावत के 6 साल के जुड़वां बेटे प्रियांश और श्रेयांश का अपहरण आरोपियों ने कर लिया था. उन्होने एक करोड़ रूपये की फिरौती मांगी थी.

तेल कारोबारी ने बेटों को बचाने के लिये 20 लाख रुपए आरोपियों को दिए थे, लेकिन हैवानों ने दोनों बेटों को मौत के घाट उतार कर दोनो बच्चो का शव यूपी के बांदा जिले में यमुना नदी में पत्थर से बांधकर फेंक दिया था. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने दोनों बच्चों का शव बरामद किया था.

ये रहे आरोपी

पुलिस ने घटना के आरोपी पद्मकान्त शुक्ला पिता रामकरण शुक्ला 26 वर्ष निवासी जानकीकुंड, राजू द्विवेदी पिता राकेश द्विवेदी 25 वर्ष निवासी भमुआ, विक्रमजीत सिंह पिता प्रहलाद सिंह 22 वर्ष निवासी भमामा थाना जमुई बिहार, लकी तोमर पिता सतेंद्र तोमर 23 वर्ष निवासी तेंदुरा थाना बिसंडा, रामकेश यादव पिता रामशरण यादव तथा पिंटा यादव पिता रामस्वरूप यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.

जेल में मुख्य आरोपी रामकेश ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी. आरोपी रामकेश जुड़वा भाइयों को ट्यूशन पढ़ाता था. उसी ने दोनों को अगवा कर मोटी रकम वसूलने के लिए पद्मकान्त शुक्ला के साथ मिलकर योजना बनाई थी.

ढाई साल के लंबे इंतजार के बाद सतना कोर्ट के विद्रवान सप्तम एडीजे प्रदीप कछवाह ने मामले में सुनवाई पूरी की. फरियादी के वकील रामरूप पटेल और रमेश पांडेय ने बताया कि कोर्ट ने पद्मकान्त शुक्ला, राजू द्विवेदी और लकी तोमर को हत्या और अपहरण में दोषी पाया है. वहीं, विक्रमजीत सिंह और पिंटा यादव को अपहरण और आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया है. सभी पांचों को दोहरी उम्र कैद की सजा सुनाई है.

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