रीवा

जिले के नगरीय क्षेत्रों में गहरा रहा जल संकट, विभाग की चुप्पी : REWA NEWS

News Desk
4 April 2021 9:38 PM IST
जिले के नगरीय क्षेत्रों में गहरा रहा जल संकट, विभाग की चुप्पी : REWA NEWS
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रीवा। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों सहित नगरीय क्षेत्रों में जल संकट के आसार दिखने लगे हैं। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है वैसे-वैसे जल स्रोत नीचे खिसकता जा रहा है जिससे लोगों को शुद्ध पानी की समस्या होने लगी है। वैसे तो सरकार ने गांव-गांव पानी की टंकिया बनवा दी है लेकिन अभी उनमें पानी की सप्लाई नहीं शुरू हो सकी है। इसी तरह नगरीय क्षेत्रों में पानी की टंकियां तो हैं लेकिन शुद्ध पेयजल के लिये मशक्कत शुरू हो गई है। जिले के कई क्षेत्रों में पानी की समस्या सामने आ चुकी है। 

रीवा (Rewa News)। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों सहित नगरीय क्षेत्रों में जल संकट के आसार दिखने लगे हैं। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है वैसे-वैसे जल स्रोत नीचे खिसकता जा रहा है जिससे लोगों को शुद्ध पानी की समस्या होने लगी है। वैसे तो सरकार ने गांव-गांव पानी की टंकिया बनवा दी है लेकिन अभी उनमें पानी की सप्लाई नहीं शुरू हो सकी है। इसी तरह नगरीय क्षेत्रों में पानी की टंकियां तो हैं लेकिन शुद्ध पेयजल के लिये मशक्कत शुरू हो गई है। जिले के कई क्षेत्रों में पानी की समस्या सामने आ चुकी है।

शोपीस बनी पानी की टंकियां

सरकारी की महत्वाकांक्षी नल जल योजना के अंतर्गत बनाई गई पानी की टंकियां शोपीस बनकर रह गई है। नल जल योजना को शुरू कराने कई बार आवाज उठाई लेकिन अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की वजह से कोई सुनवाई नहीं हुई। यही कारण है कि जिले के कई नगरीय क्षेत्रों में पानी की समस्या होने लगी है। लोगों को अभी से दूषित पानी पीना पड़ रहा है। आने वाले समय में इस समस्या के और गहराने के आसार हैं।

विभागीय अधिकारियों की लापरवाही

तराई अंचल के जवा में लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। बताया गया है कि नल जल योजना अंतर्गत टंकी का निर्माण तो करा दिया गया है लेकिन पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है। सालों से टंकी सूखी पड़ी है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की मंशा फेल होती नजर आ रही है। बताया गया है कि विभागीय अधिकारियों ने आम लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में न तो विद्युत ट्रांसफार्मर लगवाया जा सकता और न ही टंकी एवं पाइप लाइन के विस्तार पर ध्यान दिया गया। बल्कि आधे-अधूरे हालत में छोड़ दिया गया है। स्थानीय रहवासियों ने पेयजल संकट को लेकर शासन-प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया है।

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