रीवा

विप्र सेवा संघ ने आयंस दुबे के इलाज में की 21 हजार रूपए की आर्थिक मदद

Manoj Shukla
8 Aug 2021 8:16 PM IST
Vipra Seva Sangh gave financial help of 21 thousand rupees in the treatment of Ayans Dubey
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विप्र सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव शुक्ला ने बताया कि बीते दिनों उन्हें यह जानकारी मिली कि रायपुर छत्तीसगढ़ निवासी श्रीमती भारती शर्मा के बेटा आयंस दुबे 6 माह का है। जो एक गंभीर बीमारी से पीड़ित है।

रीवा। विप्र सेवा संघ रीवा द्वारा लगातार समाजहित में काम किया जा रहा हैं। यह संघ हर पीड़ित की मदद करने का पूरा प्रयास करता हैं। हाल ही में विप्र सेवा संघ द्वारा आयंस दुबे के इलाज में 21 हजार रूपए की आर्थिक मदद की। विप्र सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव शुक्ला ने बताया कि बीते दिनों उन्हें यह जानकारी मिली कि रायपुर छत्तीसगढ़ निवासी श्रीमती भारती शर्मा के बेटा आयंस दुबे 6 माह का है। जो एक गंभीर बीमारी से पीड़ित है। इस बीमारी के चलते साल-दो साल में शरीर की मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं। जिससे पीड़ित व्यक्ति की मौत हो जाती है।

श्री शुक्ल बताते है कि इस बीमारी का इलाज कराना हर किसी के वश में नहीं। इसका इंजेक्शन 16 करोड़ रूपए का है। जो अमेरिका से आता है। अतः यह परिवार इतनी बड़ी रकम जुटाने में सक्षम नहीं है। लिहाजा श्रीमती शर्मा द्वारा लोगों से अपने बेटे के जीवन बचाने की गुहार लगाई गई। श्रीमती शर्मा का कहना है कि यह इंजेक्शन जितना जल्दी लग उतना ही उनके बेटे के लिए बढ़िया है।

पीएम को लिखा खत

आयंस का जीवन बचाने विप्र सेवा संघ के सभी सदस्यों से आर्थिक मदद करने की अपील की गई। लिहाजा सदस्यों की मदद से 21 हजार रूपए आयंस के पैरेट्स के खाते में ट्रांसफर किए गए। साथ ही संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव शुक्ल ने देश के पीएम को एक खत भी लिखा। जिसमें उन्होंने 16 करोड़ रूपए का इंजेक्शन उपलब्ध कराने की बात लिखी। श्री शुक्ल कहते है कि मुझे आशा है कि पीएम इस गंभीर मुद्दे को संज्ञान लेकर जल्द पीड़ित की मदद करेंगे।

बताते चले कि विप्र सेवा संघ द्वारा अब तक हार्ट पेशेंट, कैंसर पेशेंट, किडनी पेशेंट जैसे कई गंभीर रोगों से पीड़ित परिवारों के लिए दो से तीन महीने के अंदर 7-8 लाख रुपए की आर्थिक मदद कर चुका है। संघ हमेशा ही जरूरतमंदों की मदद करता आया है, फिर चाहे वह कहीं के भी हो। विप्र सेवा संघ की टीम में डॉ. आरती तिवारी ,पुष्पा शर्मा, डॉ. एमपी त्रिपाठी, उमाकांत शुक्ला, उमाकांत मिश्रा और नरेंद्र दुबे शामिल रहे।

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