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विंध्य को फिर नहीं मिली तवज्जो, निगम मंडलों की नियुक्ति में नेता टकटकी लगाते रह गए
Rewa News MP: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में शिवराज सिंह (CM Shivraj Singh) द्वारा निगम मंडलों में तमाम नेताओं की नियुक्ति की गई लेकिन विंध्य क्षेत्र के एक भी नेता को इन पदों के काबिल नहीं समझा गया। एक बार फिर विंध्य की उपेक्षा की गई है। जबकि यहां भारतीय जनता पार्टी के मूर्धन्य और वरिष्ठ नेता मौजूद हैं। लेकिन किसी नेता को निगम मंडल में जगह नहीं मिल पाई है।
आपको बता दें कि भाजपा के चैथी बार सत्ता में काबिज होने के साथ ही विंध्य की उपेक्षा शुरू हो गई थी जो आगे भी जारी है। इतना ही नहीं तोड़-मरोड़कर बनाई सरकार में आयातित नेताओं के कारण वरिष्ठ पार्टी नेता हाशिये पर चले गये हैं। उनकी कोई पूछपरख नहीं हो रही है।
विंध्य के रीवा जिले में भाजपा के आठ विधायक होते हुए भी बमुश्किल विधानसभा अध्यक्ष का पद मिल पाया। जबकि दर्जन भर भाजपा के वरिष्ठ नेता आयातित नेताओं के कारण घर बैठ गये हैं। ये ऐसे नेता हैं जिन्होंने कठिन परिश्रम कर भाजपा का झंडा विंध्य में बुलंद किया है लेकिन अब उनकी कोई पूछपरख नहीं है।
भाजपा में आयातित नेताओं का कब्जा
देखा जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी में आयातित नेताओं का बोलबाला है। अब वही पार्टी के खेवनहार बने हुए हैं। चाहे सरकार में हो अथवा संगठन में उनकी पूछपरख हो रही है। अब चाहे निगम मंडल की नियुक्ति हो, उन्हीं का कब्जा है। बेचारे पार्टी को सींच-सींचकर विशाल वृक्ष तैयार करने वालों को शीतल छांव नसीब नहीं हो सकी है।
गच्चा खाएगी भाजपा
वर्तमान में जिस तरह से भाजपा संगठन एवं सरकार में बैठे नेताओं की कार्यप्रणाली है उससे पार्टी को गच्चा खाने से कोई बचा नहीं पाएगा। यही नहीं पिछले चुनाव में उसे संकेत मिल चुका है लेकिन सत्ता के लालच में आत्मचिंतन की बजाय जोर जुगत में लगे कर्ता धर्ताओं की कार्यशैली से नइया पार होने वाली नहीं है। आयातित नेताओं का कोई भरोसा नहीं है ये कब किस करवट बैठ जाय। अपने भरोसेमंद नेताओं की उपेक्षा बहुत बड़ी भूल साबित हो सकती है।