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Sitapur-Hanumana Micro Project: रीवा-सीधी व मऊगंज जिले की हजारों हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित, यहां बनेगा 269 एमसीएम क्षमता का बैराज
एमपी के रीवा, सीधी व मऊगंज जिले के खेतों को सिंचित किए जाने की योजना तैयार की गई है। इसके लिए सोन नदी के पानी से सिंचाई की जाएगी। जिसकी प्रमुख वजह एक ही बैराज होने के कारण दोनों प्रोजेक्ट की डीपीआर को एक कर दिया गया है। जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता ने इसके लिए संशोधित प्रोजेक्ट का डीपीआर तैयार कर मुख्यालय को भेजा है। हालांकि इसका विभिन्न बिंदुओं पर परीक्षण किए जाने के बाद ही कार्य योजना तैयार की जाएगी।
सीतापुर-हनुमना माइक्रो प्रोजेक्ट से लहलाएंगे खेत
सीतापुर-हनुमना माइक्रो प्रोजेक्ट से रीवा और सीधी जिले में सिंचाई होगी। बताया गया है कि इस प्रोजेक्ट से रीवा जिले में 79531 हेक्टेयर और सीधी जिले में 16969 हेक्टेयर की भूमि सिंचित होगी। प्रोजेक्ट से सीधी जिले के अमिलिया के पास परसौना खुर्द में बराज बनाकर पम्प के जरिए सोन नदी का पानी लिफ्ट किया जाएगा। यह पानी पाइप पम्प हाउस के जरिए हनुमना के कैलाशपुर में लाया जाएगा, जहां से पाइप लाइन के जरिए पानी किसानों के खेतों में पहुंचाया जाएगा।
5 साल में पूरा होगा प्रोजेक्ट
बताया गया है कि यह प्रोजेक्ट पांच साल में पूरा हो जाएगा। इस संबंध में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बोधी में इस डीपीआर का परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण के दौरान यदि कोई कमी या गड़बड़ी आती है तो इसमें सुधार किया जाएगा। हालांकि अधिकारियों ने इस प्रोजेक्ट को काफी सावधानीपूर्वक तैयार किया है। माना जा रहा है कि दोनों जिलों की सिंचाई के लिए एक ही प्रोजेक्ट से तैयार किए गए डीपीआर से जहां खर्च होने वाली राशि बचेगी तो वहीं निर्माण कार्य भी द्रुत गति से होगा। जल संसाधन विभाग के अधिकारी इसको लेकर काफी संजीदा हैं और माना जा रहा है कि जल्द ही इस प्रोजेक्ट की स्वीकृति भी मिल जाएगी।
3373 करोड़ रुपए होंगे खर्च
जानकारी के मुताबिक सीतापुर-हनुमना माइक्रो सिंचाई प्रोजेक्ट की लागत 3373 करोड़ की है। इस प्रोजेक्ट में भू-अर्जन की भी आवश्यकता पड़ेगी। बताया गया है कि जैकवेल, सब स्टेशन, बीपीटी और बैराज के डूब क्षेत्र के लिए 910 हेक्टेयर भूमि के अर्जन की आवश्यकता पड़ेगी। जिसके लिए 185 करोड़ की राशि मुआवजा के रूप में वितरित की जाएगी। यही नहीं इसके अलावा पाइप लाइन कार्य के लिए 93.10 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी। इस अधिग्रहण के बदले में 1 करोड़ 39 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।
241 मीटर में स्थापित होंगे 3 पंप
बताया गया है कि सीधी जिले में सोन नदी पर बनने वाले बैराज की क्षमता 269 मिलियन घनमीटर की होगी। बैराज से जो पानी छोड़ा जाएगा उसका प्रवाह 30 घनमीटर प्रति सेकण्ड का होगा। इस प्रोजेक्ट में कुल 241 मीटर की ऊंचाई पर तीन पम्प स्थापित किए जाएंगे जिसको चलाने के लिए 96 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होगी। यह बिजली मऊगंज सब स्टेशन से ली जाएगी। यही नहीं सूत्रों के मुताबिक बाणसागर की नहरों का जलस्तर 322 मीटर का है इससे अधिक ऊंचाई पर सिंचाई का पानी पहुंचाने नईगढ़ी माइक्रो परियोजना तैयार की जा रही है। इस माइक्रो परियोजना से नईगढ़ी क्षेत्र में 360 मीटर तक बसे क्षेत्र में सिंचाई की जा सकेगी। हनुमना और मऊगंज का भूस्तर 360 से 480 मीटर का है जिसकी वजह से यह क्षेत्र अभी तक नहर प्रणाली की सिंचाई से वंचित है। सीतापुर-हनुमना माइक्रो प्रोजेक्ट से 360 से 480 मीटर तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाया जा सकेगा।
यह गांव होंगे लाभान्वित
सीतापुर-हनुमना माइक्रो प्रोजेक्ट रीवा, सीधी व मऊगंज जिले के कुल 501 गांवों के खेतों को सिंचित करने की योजना है। जिसमें हनुमना के 234 गांव, मऊगंज के 120 गांव, गुढ़ के 54 गांव, रायपुर कर्चुलियान के 11 गांव, सिहावल के 60 गांव, चुरहट के 22 गांवों को सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा।