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रीवा के लोगो का जीवन राम भरोसे! SGMH में नहीं है एंटी रैबीज की वैक्सीन, चक्कर काट रहे मरीज
रीवा- अगर इस समय कोई व्यक्ति कुत्ते के काटने का शिकार हुआ तो उसे काफी परेशान होना पड़ सकता है। इसका कारण यह है कि कुत्ते के काटने के बाद जब मरीज जिला चिकित्सालय या संजय गांधी अस्पताल पहुंचेगा तो उसे ईलाज की सुविधा नहीं मिलेगी। इसीलिए इस समय लोगों को कुत्ते से बच कर रहना ही सही है। बताया गया है कि एसजीएमएच और जिला चिकित्साल दोनो ही अस्पतालों में कुत्ते के काटने पर लगाए जाने वाला रैबीज इंजेक्शन नहीं है। अस्पताल में यह स्थिति पिछले एक सप्ताह से बनी हुई है।
प्रतिदिन आ रहे 90 मरीज
बताया गया है कि जिला चिकित्सालय और एसजीएमएच को मिला कर 90 से 100 मरीज रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए आते हैं। जिसमें जिला अस्पताल में 60 और एसजीएमएच में 40 इंजेक्शन लगते हैं। लेकिन दोनो ही अस्पतालों में इस समय इंजेक्शन की कमी बनी हुई है। जिसके कारण मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है।
उमरिया से मंगाना पड़ा 100 इंजेक्शन
जिला अस्पताल में रैबीज के इंजेक्शन समाप्त होने के कारण उमरिया से 100 इंजेक्शन मंगाए गए थे। उमरिया से इंजेक्शन आए भी, लेकिन दो ही दिन में इंजेक्शन समाप्त हो गए। गौरतलब है कि रैबीज के इंजेक्शन का पांच डोज का कोर्स होता हैं। कई मरीजों ने ने एक तो कई ने दो इंजेक्शन लगवा लिए हैं। अब बांकी का कोर्स पूरा करने के लिए मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। पांच इंजेक्शन लगाने का कोर्स पूरा न होने की स्थिति में मरीजों की तबियत बिगड़ने का खतरा हमेशा ही बना रहता है।
मंहगी मिलता है इंजेक्शन
बताया गया है कि मार्केट में भी रैबीज का इंजेक्शन मिलता है। लेकिन बाजार में रैबीज का इंजेक्शन काफी मंहगा मिलता है। सबकी स्थिति ऐसी नहीं होती कि वह बाजार से इंजेक्शन खरीद सके।
वर्जन
अस्पताल में रैबीज के इंजेक्शन की कमी बनी हुई है। दवा मंगाई गई है। प्रयास किया जा रहा है कि शीघ्र ही अस्पताल में इंजेक्शन आ जाए।
डा. केके गुप्ता, सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय रीवा