रीवा

रीवा मेडिकल कालेज के डीन ने नाले में बनवाई अवैध रूप से चार मंजिला बिल्डिंग, अब गिरा रहे

Aaryan Dwivedi
9 July 2021 5:59 PM IST
रीवा मेडिकल कालेज के डीन ने नाले में बनवाई अवैध रूप से चार मंजिला बिल्डिंग, अब गिरा रहे
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रीवा। रीवा मेडिकल कालेज के डीन मनोज इंदुलकर द्वारा शहर के वार्ड क्रमांक 41 रानीतालाब भैरव बाबा मार्ग के समीप से निकलने वाले नाले पर आलीशान चार मंजिला भवन नाले के ऊपर से तान दिया था। जो ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमों के विरुद्ध था। जब बिल्डिंग बन रही थी तब नगर निगम के अधिकारियों ने आंख में पट्टी बांधकर भवन निर्माण पर कोई रोक नहीं लगाई। भवन तनकर तैयार हो गया। अब जब भवन बनकर तैयार हो गया तब लोगों में कानाफूसी शुरू हो गई।

रीवा। रीवा मेडिकल कालेज के डीन डॉ. मनोज इंदुलकर (SSMC Dean Dr Manoj Indulkar) द्वारा शहर के वार्ड क्रमांक 41 रानी तालाब भैरव बाबा मार्ग के समीप से निकलने वाले नाले पर आलीशान चार मंजिला भवन नाले के ऊपर से तान दिया था। जो ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमों के विरुद्ध था। जब बिल्डिंग बन रही थी तब नगर निगम के अधिकारियों ने आंख में पट्टी बांधकर भवन निर्माण पर कोई रोक नहीं लगाई। भवन तनकर तैयार हो गया। अब जब भवन बनकर तैयार हो गया तब लोगों में कानाफूसी शुरू हो गई।

मामला अधिकारियों तक पहुंच गयाजिसके बाद प्रशासन हरकत में आया। मामले को गंभीरता से लेते हुए नगर निगम के प्रशासक कलेक्टर इलैयाराजा टी एवं आयुक्त नगर निगम ने उक्त मामले की बारीकी से जांच कराई। कार्यपालन यंत्री एपी शुक्ला के द्वारा अवैध रूप से बनाये गये बहुमंजिला भवन की जांच शुरू की गई तो पाया गया कि बिल्डिंग अवैध है।

सवाल यह उठता है कि आखिर किसकी परमीशन पर उक्त बिल्डिंग का निर्माण कराये जाने की अनुमति प्रदान की गई। बहरहाल अनुमति जिसने भी दी हो जांच में भवन अवैध मिला जिसके बाद बिल्डिंग को गिराये जाने के निर्देश आयुक्त नगर निगम मृणाल मीणा के द्वारा दिये गये। बता दें कि नगर निगम की सख्ती को देखते हुए अवैध निर्माणकर्ता स्वयं अवैध बिल्डिंग को गिराने का निर्णय लिया। विगत दो दिनों से अवैध भवन को गिराये जाने का काम तेजी से चल रहा है।

हालांकि शहर में कई ऐसी बिल्डिंग तनी हुई हैं जो अवैध रूप से कब्जा कर नाले में बनाई गई हैं लेकिन उनके रसूख और पहुंचकर के कारण अधिकारियों में कार्रवाई करने की जहमत नहीं है। अवैध कब्जाधारियों ने नदी नालों में कब्जा कर उनके अस्तित्व को समाप्त कर दिया।

यही कारण है कि बरसात ही जल भराव की समस्या उत्पन्न होेने लगी है और इधर-उधर की बातें कर अपनी जिम्मेदारी से जिम्मेदार पल्ला झाड़ लेते हैं जबकि हकीकत यह है कि अवैध कब्जा होने के कारण ही थोड़ी सी बरसात होने पर शहर जलमग्न हो जाता है। पानी निकासी के लिये जगहों को अवरुद्ध कर दिया गया है।

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