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शिक्षक दिवस 2024 पर विशेष: देश के लिए दो सेनाध्यक्ष तैयार करने वाले रीवा के सैनिक स्कूल का गौरवशाली इतिहास
September 5th, 2024 Teachers' Day 2024 Special: मध्यप्रदेश के रीवा में संचालित सैनिक स्कूल की स्थापना 20 जुलाई 1962 को हुई थी। रीवा के तत्कालीन महाराजा मार्तण्ड सिंह ने स्कूल के लिए अपना युवराज भवन और 264 एकड़ जमीन दान में दी थी। इस स्कूल का संचालन रक्षा मंत्रालय के तहत होता है। लेफ्टिनेंट कर्नल आरआर नारंग को इस स्कूल का पहला प्राचार्य नियुक्त किया गया था। उनकी कठिन मेहनत और नेतृत्व में इस स्कूल ने आकार लेना शुरू किया और यह एक प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में उभरा।
इस स्कूल में पहले केवल बालकों को ही प्रवेश दिया जाता था, लेकिन पिछले तीन वर्षों से बालिकाओं के लिए भी इसके द्वार खुले हैं। यह स्कूल न केवल शैक्षणिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहां छात्रों को विभिन्न खेलों और सैन्य प्रशिक्षण में भी प्रशिक्षित किया जाता है।
एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी: नौसेनाध्यक्ष
एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी का जन्म 15 मई 1964 को सतना जिले के महुडर ग्राम में हुआ था। उन्होंने 1973 में रीवा सैनिक स्कूल में प्रवेश लिया और 1981 में यहां से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA), पुणे में प्रवेश लिया। त्रिपाठी जी को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल और नौसेना मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। 30 अप्रैल 2024 को उन्हें भारतीय नौसेना का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
जनरल उपेन्द्र द्विवेदी: थल सेनाध्यक्ष
जनरल उपेन्द्र द्विवेदी का जन्म 1 जुलाई 1964 को रीवा जिले के मुड़िला ग्राम में हुआ था। उन्होंने भी 1973 में रीवा सैनिक स्कूल में प्रवेश लिया और 1981 में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में प्रशिक्षण प्राप्त किया। श्री द्विवेदी को भी उनकी सेवाओं के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल और अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है। 30 जून 2024 को उन्हें थल सेनाध्यक्ष नियुक्त किया गया।
रीवा सैनिक स्कूल की स्थापना का उद्देश्य युवाओं में सैन्य शिक्षा और देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देना था। यह स्कूल अपने छात्रों को अनुशासन, नेतृत्व और देश सेवा के प्रति समर्पण की शिक्षा देता है। इन दोनों अधिकारियों का यहां से निकलना इस स्कूल के महत्व और गुणवत्ता का प्रमाण है।