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समर्थन मूल्य बढ़ा तो किसानों की बढ़ गई संख्या: रीवा में धान बिक्री के लिए 72 हजार किसानों ने कराया पंजीयन, सबसे ज्यादा त्योंथर तहसील में
धान उपार्जन
रीवा. सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने पर इस साल धान बिक्री के लिए किसानों ने बढ़- चढ़कर पंजीयन कराया। पिछले साल रीवा जिले में जितने किसानों ने पंजीयन कराया था, उसमें इस साल 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस साल 71 हजार 880 किसानों ने पंजीयन कराया है।
खाद्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रीवा व मऊगंज जिले की 12 तहसीलों में से सबसे अधिक त्योंथर तहसील में 16155 किसानों ने धान की बिक्री के लिए पंजीयन कराया है। दूसरे नंबर पर जवा तहसील है। सबसे कम रायपुर तहसील में 1831 किसानों ने पंजीयन कराया है। यहां धान की बोनी का रकबा भी 2669 हेक्टेयर है। तराई में धान का सबसे अधिक उत्पादन होता है, इसीलिए जवा व त्योंथर को रीवा का धान कटोरा कहा जाता है।
इस साल अल्पवर्षा होने के कारण धान का उत्पादन कम है, लेकिन सरकार द्वारा समर्थन मूल्य बढ़ाने के कारण उन किसानों ने भी पंजीयन कराया है जो पहले व्यापारियों के हाथ धान बेच देते थे।
ज्ञात हो कि चुनाव के समय प्रधानमंत्री मोदी ने धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने की घोषणा की थी। भाजपा द्वारा अपने संकल्प पत्र में धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपए प्रति क्विटल किए जाने की घोषणा का असर हुआ है। हालांकि यह मूल्य इसी साल मिलेगा या अगले साल, अभी तय नहीं है। क्योंकि चुनाव के बाद केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय के बाद नया समर्थन मूल्य प्रभावी होगा।
शासन द्वारा धान खरीदी की योजना तो एक नवंबर से शुरू करने की थी, लेकिन चुनाव व धान न तैयार होने के कारण अभी खरीदी नहीं शुरू हो सकी है। हालांकि शासन द्वारा इस साल धान की खरीदी समर्थन मूल्य 2183 रुपए किया गया है। भाजपा के संकल्प पत्र पर चुनाव परिणाम आने के बाद अमल में आने की संभावना है।
जितना त्योंथर में धान का रकबा उतना पूरे मऊगंज जिले का
रीवा जिले के त्योंथर तहसील में जितने रकबे में धान बोई गई उतना पूरा मऊगंज जिले का धान का रकबा है। ज्ञात हो कि त्योंथर जिले में 30053 हेक्टेयर में धान की खेती की गई, जबकि मऊगंज जिले के हनुमना में 18230.51 हेक्टेयर, मऊगंज में 7806.11 हेक्टेयर व नईगढ़ी तहसील में 6688.86 हेक्टेयर कुल 32725.48 हेक्टेयर है, जो त्योंथर से महज दो हजार हेक्टेयर अधिक है।