रीवा

सरकारी अस्पतालों में घटिया दवाओं की सप्लाई: रीवा में नाराज डॉक्टरों ने अमानक दवाइयां जलाई, बोले-इन दवाओं से मरीज को नहीं मिलती राहत

सरकारी अस्पतालों में घटिया दवाओं की सप्लाई: रीवा में नाराज डॉक्टरों ने अमानक दवाइयां जलाई, बोले-इन दवाओं से मरीज को नहीं मिलती राहत
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रीवा के सरकारी अस्पतालों में अमानक दवाओं की आपूर्ति को लेकर डॉक्टरों ने कड़ा विरोध शुरू कर दिया है। डॉक्टरों का कहना है कि मरीजों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिससे उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।

रीवा के सरकारी अस्पतालों में अमानक दवाओं की सप्लाई को लेकर स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। शहर के श्याम शाह मेडिकल कॉलेज समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों ने इस मुद्दे पर विरोध दर्ज कराया है। उनका कहना है कि सरकार द्वारा सप्लाई की जा रही कई दवाइयाँ मानकों पर खरी नहीं उतर रही हैं, जिससे मरीजों के इलाज में कठिनाइयाँ आ रही हैं।

डॉक्टरों ने जताई गंभीर चिंता

डॉक्टरों का आरोप है कि अस्पतालों में सप्लाई की जा रही दवाइयों की गुणवत्ता बेहद खराब है। वरिष्ठ डॉक्टर पुष्पेंद्र शुक्ला ने बताया कि अमानक दवाओं के इस्तेमाल से मरीजों को सही उपचार नहीं मिल पा रहा है। यदि दवाइयाँ गुणवत्तापूर्ण नहीं होंगी, तो मरीजों का स्वास्थ्य कैसे बेहतर होगा? इसीलिए डॉक्टर लगातार इस मुद्दे को उठाते आ रहे हैं।

लगातार बढ़ रहा विरोध

गुरुवार को डॉक्टरों ने सांकेतिक प्रदर्शन करते हुए काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया। वहीं, शुक्रवार से श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन और तेज कर दिया है। डॉक्टरों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण दवाइयों की सप्लाई नहीं की जाती, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।

बड़े अस्पतालों में भी सप्लाई हो रही अमानक दवाइयाँ

डॉक्टरों ने खुलासा किया कि सिर्फ श्याम शाह मेडिकल कॉलेज ही नहीं, बल्कि रीवा संभाग के सबसे बड़े संजय गांधी अस्पताल, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और जिला चिकित्सालय सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में भी घटिया दवाइयाँ सप्लाई की जा रही हैं।

मरीजों की सेहत से खिलवाड़

अमानक दवाइयों के कारण मरीजों को पर्याप्त स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पा रहा है। जब तक सही और प्रभावी दवाइयाँ अस्पतालों में उपलब्ध नहीं होंगी, तब तक मरीजों का इलाज प्रभावित होता रहेगा। डॉक्टरों ने मांग की है कि सरकार इस मुद्दे पर तुरंत ध्यान दे और अमानक दवाओं की सप्लाई को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।

आगे भी जारी रहेगा आंदोलन

डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार जल्द से जल्द कोई समाधान नहीं निकालती है, तो उनका विरोध प्रदर्शन और उग्र होगा। वे तब तक संघर्ष जारी रखेंगे जब तक अस्पतालों में मरीजों को सही और प्रभावी दवाइयाँ उपलब्ध नहीं कराई जातीं।

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