
- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- रीवा
- /
- अज्ञेय की रचना धर्मिता...
अज्ञेय की रचना धर्मिता पर रीवा के TRS महाविद्यालय में विशेष व्याख्यान

शासकीय ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय, रीवा के हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित 'विशेष व्याख्यान माला' के अंतर्गत 'हिंदी रचना धर्मिता के शीर्ष: अज्ञेय' विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. सत्येंद्र शर्मा, सेवानिवृत्त प्राध्यापक एवं पूर्व अतिरिक्त संचालक रीवा संभाग रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन एवं मां सरस्वती वंदना से हुई। महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य एवं प्रशासनिक अधिकारी डॉ. महानन्द द्विवेदी इस अवसर पर उपस्थित रहे। सभी अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम का परिचय हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. भूपेंद्र सिंह ने किया।
अज्ञेय के साहित्य पर प्रकाश
डॉ. सत्येंद्र शर्मा ने अपने व्याख्यान में कहा कि "अज्ञेय की रचना धर्मिता सामाजिकता, सौहार्द्धता, समरसता एवं दो व्यक्तियों को आपस में जोड़ने का काम करती है। अज्ञेय का साहित्य युवाओं को प्रेरणा देता है और उनकी रचनाएं व्यापक दृष्टि से बौद्धिकता का बोध कराती हैं।"
कार्यक्रम का सफल आयोजन
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. शिप्रा द्विवेदी, प्राध्यापक- हिंदी विभाग ने किया और आभार प्रदीप विश्वकर्मा ने व्यक्त किया। इस विशेष व्याख्यान में डॉ. उर्मिला वर्मा, डॉ. मुकेश शाह, डॉ. समय लाल प्रजापति, डॉ. वंदना त्रिपाठी, डॉ. विनोद विश्वकर्मा, डॉ. बृजेश साकेत, डॉ. अजिता मिश्रा, डॉ. बृजेंद्र कुशवाहा, डॉ. अंशुला मिश्रा, डॉ. शशि मिश्रा, डॉ. ज्योति पांडेय, डॉ. अल्पना मिश्र, डॉ. प्रियंका पांडेय, डॉ. आशुतोष शुक्ला एवं महाविद्यालय के छात्र/छात्राएं उपस्थित रहे।