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जो काम शासन-प्रशासन को करना चाहिए वो 'सोनू सूद' कर रहें, रीवा के 3 युवाओं के लिए मसीहा बनें सोनू
रीवा. जो काम शासन प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि को करना चाहिए वह एक एक्टर कर रहा है. कोरोना काल में बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद (Bollywood Actor Sonu Sood) ने हजारों लोगों की मदद की थी और अब वे लोगों के लिए मसीहा बन चुके हैं. हाल ही में अभिनेता सोनू सूद ने एमपी के रीवा के 3 युवाओं की मदद कर उन्हें नई जिंदगी दी है. उनके लिए सोनू सूद किसी मसीहा से कम नहीं हैं.
शासन-प्रशासन से नहीं मिली मदद, तो सोनू तक पहुंचे
रीवा के जिन 3 अलग अलग व्यक्तियों की सोनू सूद (Sonu Sood) ने मदद की है. वे पहले शासन-प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक मदद की गुहार लगा चुके हैं. पर उन्हें मायूसी हाथ लगी. थक हारकर उन्हें सोनू सूद से संपर्क करना पड़ा और इस मसीहा ने बकायदे न सिर्फ उनकी मदद कि बल्कि नई जिंदगी भी दी है.
अगस्त क्रांति मंच के संयोजक कुंज बिहारी तिवारी ने बताया कि सोनू सूद ने रीवा के 3 गरीब युवकों के ऑर्गन ट्रांसप्लांट की जिम्मेदारी ली है. बिजलीकर्मी के जले हाथों, किसान के कटे हाथ और एक्सीडेंट में पैर खो चुके युवक का इलाज सूरत में हो रहा है. इन तीनों का इलाज हो जाए तो इन्हे न सिर्फ नई जिंदगी मिलेगी बल्कि अपने परिवार का बोझ भी दोबारा उठा सकेंगे.
कुंजबिहारी ने बताया कि तीनों ने शासन-प्रशासन से मदद मांगी, पर किसी ने नहीं सुनी. फिर अभिनेता और गरीबों के मसीहा सोनू सूद को ट्वीट कर इलाज के लिए मदद मांगी थी. उन्होंने तीनों के इलाज की जिम्मेदारी ली है. अब इन सभी का इलाज हो सकेगा और नई जिंदगी मिल पाएगी.
थ्रेसर से कट गया था हाथ
नईगढ़ी (रीवा) के कमलाकर कुशवाहा ने कहा कि सालभर पहले थ्रेसर से हाथ कट गया था. सरपंच ने कुंज बिहारी तिवारी से संपर्क किया. फिर सोनू सूद तक हमारी बात पहुंचाई. उम्मीद है कि हाथ लगते ही हमारा जीवन सही हो जाएगा. हम फिर से उसी तरह कार्य करने लगेंगे.
बिजली लाइन पर काम करते हुए झुलसे दोनों हाथ
लौआ (रीवा) निवासी यदुवंश प्रसाद विश्वकर्मा का कहना है कि वह बिजली विभाग के आउटसोर्स कर्मचारी थे. लाइन पर काम करते समय हादसे का शिकार हो गए. जिससे दोनों हाथ झुलस गए. बिना हाथ घर चलाना मुश्किल हो रहा है. रीवा के जनप्रतिनिधियों में दूरदर्शिता की कमी है. नहीं तो दूसरे शहरों में न भटकना पड़ता.
हादसे में पैर खोया
देवतालाब (रीवा) के प्रवीण तिवारी ने बताया कि 8 फरवरी 2021 को वह हादसे का शिकार हो गए थे. डॉक्टरों ने पैर काट दिया. मध्यप्रदेश में सही इलाज नहीं मिला तो एक साल से रायपुर एम्स में इलाज करा रहा था. अभी तक शासन से कोई मदद नहीं मिली. अब सूरत में पैर लगेगा.