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नेत्र चिकित्सालय द्वारा किये जा रहे सेवा कार्य सेवा धर्मो के लिये प्रेरणास्रोत
रीवा। राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत लायंस नेत्र चिकित्सालय में निःशुल्क नेत्र परीक्षण एवं अत्याधुनिक फेको मशीन द्वारा मोतिबिंद के निःशुल्क आपरेशन किया गया। बताया गया है कि अब तक इस मशीन के द्वारा 22000 मोतियाबिंद के सफल आपरेशन किये जा चुके हैं। राष्ट्रीय निवारण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री एवं विधायक राजेन्द्र शुक्ल उपस्थित रहे।
श्री शुक्ल ने इस मौके पर कहा कि रीवा नेत्र चिकित्सालय के द्वारा किए जा रहे सेवा के कार्य सेवा धर्मों के लिए प्रेरणा स्रोत हैए यह निरंतर चलता रहे इसके लिए पूरे मनोयोग से साथ हैं।
राजेंद्र शुक्ल ने लायंस क्लब के द्वारा की जा रही निस्वार्थ निशुल्क सेवा की सराहना करते हुए कहा कि यह निरंतर चलता रहे और जिसकी बुनियाद में मेरी पूजनीय पिताजी का सहयोग रहा है वह तो हमारे आपके रहते हुए फूलेगा फलेगा ही इस में कोई संदेह नही है । आपने आगे कहा कि सेवा और विकास के लिए पद नहीं इच्छा शक्ति की आवश्यकता होती है ए वही इच्छा शक्ति श्रेष्ठ कार्य करने की शक्ति प्रदान करती है ।
इस मौके पर चेयरमैन भगवंत सिंह बघेल, सचिव डा. प्रभाकर चतुर्वेदी, प्रो. बीपी सूरी, सरदार प्रहलाद सिंह, वीके थापर, प्रो. विभा श्रीवास्तव, यूपी सिंह परिहार, संजय गुप्ता, अतुल जैन, डा. राजेश सिंह, डा. बीएस परिहार, प्रियंका, मंगल प्रसाद गुप्ता, अशोक श्रीवास्तव, ज्ञानेंद्र पाठक, अशोक अग्रवाल के अलावा लायंस नेत्र चिकित्सालय के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
निरंतर सहयोग के लिये साधुवाद
चेयरमैन भगवंत सिंह बघेल ने स्वागत भाषण के दौरान पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल के द्वारा निरंतर दिये जा रहे सहयोग के लिये साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि सहयोग बना रहे जिससे अस्पताल अच्छा काम कर पाने में सफल होगा। लायंस नेत्र चिकित्सालय के सचिव डा. प्रभाकर चतुर्वेदी ने बताया कि अब तक ओपीडी में दो लाख से अधिक नेत्र रोगियों का परीक्षण किया जा चुका है।
साथ ही 22000 मोतियाबिंद के निःशुल्क सफल आपरेशन अत्याधुनिक फेको मशीन के माध्यम से किया गया है। उन्होंने बताया कि नेत्र चिकित्सालय भवन निःशुल्क उपलब्ध कराने हेतु स्मृति शेष राजमाता श्रीमती प्रवीण कुमार सिंह जू देई एवं अस्पताल की प्रथम बुनियाद व्यवस्था के लिये विंध्य के भामाशाह स्मृतिशेष भैयालाल शुक्ल द्वारा दिये गए एक लाख के दान को स्मरण किया गया एवं भावांजलि अर्पित की गई।