- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- रीवा
- /
- रीवा में एसएएफ जवान...
रीवा में एसएएफ जवान हुआ ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार, भेजे गए लिंक पर क्लिक करते ही 89 हजार रुपए हो गए पार
एमपी के रीवा में एसएएफ का एक जवान ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो गया। अनजान नंबर से आए कॉल को रिसीव करने के बाद भेजे गए लिंक पर क्लिक करना महंगा पड़ गया। लिंक पर क्लिक करते ही जवान के खाते से 89 हजार रुपए पार हो गए। जिसकी जानकारी उसने पुलिस को दी गई। आखिरकार पुलिस ने साइबर सेल की मदद से आरोपी की लोकेशन ट्रेस करने के बाद उसे झारखंड के जामताड़ा से गिरफ्तार कर लिया है।
ऐसे बनाया ठगी का शिकार
रीवा की नौवीं बटालियन में पदस्थ एसएएफ के प्रधान आरक्षक को फ्रॉड ने अपनी ठगी का निशाना बनाया। बिछिया पुलिस के मुताबिक जवान के मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आया। जिसमें उसने कहा कि जियो कंपनी से बोल रहा हूं, आपकी सिम बंद की जा रही है। सिम रिचार्ज कर तुरंत केवाईसी अपडेट करें। ठग ने कहा कि आपके मोबाइल पर एक लिंक भेजी जा रही है। जैसे ही जवान ने लिंक पर क्लिक किया उनके खाते से 89 हजार रुपए पार हो गए। जिसकी शिकायत उनके द्वारा बिछिया थाने में दर्ज कराई गई। पुलिस ने साइबर सेल की मदद से आरोपी की लोकेशन ट्रेस करने की। उसकी लोकेशन झारखंड के जामताड़ा में मिली। जिसके बाद पुलिस टीम रवाना हुई और लोकल पुलिस की मदद से आरोपी को दबोचकर रीवा लाया गया।
पुलिस अधीक्षक ने किया खुलासा
मामले का खुलासा नवागत पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने कंट्रोम रूम में किया। उन्होंने कहा कि हरिश्चन्द्र तिवारी पुत्र रामाश्रय तिवारी 58 वर्ष निवासी चिरहुला कॉलोनी 26 फरवरी को ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो गए थे। जिसकी शिकायत बिछिया थाने में दर्ज करवाई गई थी। आरोपी की लोकेशन झारखंड में मिली। जिस पर पुलिस टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से फ्रॉड को गिरफ्तार कर रीवा लाई है जिसने वारदात को अंजाम देना स्वीकार कर लिया है।
दो घटनाओं में 2 लाख से अधिक रुपए किए पार
पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने बताया कि आरोपी प्रद्युमन मंडल पुत्र कार्तिक 22 वर्ष निवासी रामपुर थाना कर्माताड जिला जामताड़ा झारखंड ने ऑनलाइन ठगी की दो घटनाओं को अंजाम देना स्वीकार किया है। जिसमें उसके द्वारा 2 लाख 30 हजार रुपए पार किए गए। आरोपी प्रद्युमन के खिलापफ बिछिया थाना रीवा एवं सिटी कोतवाली थाना बालाघाट में आईपीसी की धारा 420, 66सी, 66डी आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज है। आरोपी के कब्जे से 4 नग मोबाइल, घटना में प्रयुक्त सिमकार्ड बरामद कर लिया गया है।
ठगी का अपनाता था यह तरीका
पुलिस ने बताया कि आरोपी ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने वाले ऐप को निशाना बनाता था। जिनके फोन पर यह ऐप चलते हैं उनकी जांच कर आरोपी सिम बंद करने का झांसा देकर पहले डराता था। उसके बाद मोबाइल में एनीडेस्क की लिंक भेजकर डाउनलोड करा देता। इसके बाद मोबाइल को रिमोट पर लेकर कहता कि आप अपने नंबर पर 10 रुपए का रिचार्ज करें। आरोपी लिंक के जरिए यूपीआई पिन प्राप्त कर बैंक खाते से राशि ट्रांसफर कर लेता था।