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रीवा के रोमिल द्विवेदी ने बिना कोचिंग किए, जॉब के साथ 2 घंटे पढाई कर क्रैक किया UPSC CSE

रीवा के रोमिल द्विवेदी ने बिना कोचिंग किए,  जॉब के साथ 2 घंटे पढाई कर क्रैक किया UPSC CSE
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Romil Dwivedi of Rewa cracked UPSC CSE: रीवा जिले के रोमिल द्विवेदी ने UPSC CSE 2022 में 364वीं रैंक हसील की है

Romil Dwivedi of Rewa cracked UPSC CSE: भारत की सबसे कठिन और सबसे बड़ी परीक्षा यानी UPSC CSE 2022 का रिजल्ट जारी हो गया. इस परीक्षा में मध्य प्रदेश रीवा जिले के रहने वाले रोमिल द्विवेदी ने भी 364वीं रैंक हासिल कर सिविल सर्विसेस में अपना सिलेक्शन पक्का कर लिया। UPSC CSE ऐसी परीक्षा है जहां कैंडिडेट्स पढाई करने में दिन-रात एक कर देते हैं फिर भी उनके सिलेक्शन की कोई श्योरिटी नहीं होती मगर रोमित द्विवेदी ने जॉब के साथ-साथ अपनी प्रिपरेशन की और आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई

रीवा के रोमिल द्विवेदी ने UPSC में हासिल की 364वीं रैंक

रोमिल द्विवेदी रीवा शहर के आनंद नगर (बोदाबाग) में रहते हैं. वर्तमान समय में रोमिल मुंबई में Axis Bank में अस्सिटेंट वाइस प्रेसिडेंट के पद में काम करते हैं. बैकिंग सेक्टर जैसे बिजी जॉब में रहते हुए भी रोमिल ने अपनी सिविल सर्विसेस की तैयारी को बखूबी मैनेज किया और समय मिलने पर पढाई करते रहे. रोमिल द्विवेदी को पढाई के लिए सिर्फ 2-3 घंटे ही मिल पाते थे.

कौन है रोमिल द्विवेदी

रोमिल द्विवेदी के दादा स्व आरबी द्विवेदी जिले के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से एक हैं. उनके पिता केके द्विवेदी संयुक्त आयुक्त सहकारिता भोपाल में पदस्थ हैं. रोमिल के चाचा प्रकाश द्विवेदी राज्य वित्त सेवा में अधिकारी हैं जबकि रोमिल के बड़े भाई पन्ना में रेंजर हैं. रोमिल को सिविल सर्विसेस की प्रेरणा अपने चाचा से मिली, वह अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, परिवार और अपने पूर्वजों को देते हैं.


रोमिल द्विवेदी की प्राइमरी एजुकेशन सैनिक स्कूल शिशु निकेतन से हुई उसके बाद उन्होंने अपना 12th भोपाल के DPS से कम्प्लीट किया। उससे पहले उन्होंने गुरुकुल और BBS जैसी स्कूलों में भी पढाई की. 12th के बाद रोमिल ने Btech करने के बाद MBA पूरा किया और उनका Axis Bank में कैंपस सिलेक्शन हो गया.

सिविल सर्विस की तैयारी के लिए कोचिंग तक नहीं की

रोमिल द्विवेदी ने UPSC में 364 वीं रैंक हासिल की है. लेकिन उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी करने के लिए कभी कोचिंग का ट्यूशन का सहारा नहीं लिया। जॉब करते हुए उन्हें जितना समय बचता वो उसका इस्तेमाल पढाई में करते। आज रोमिल की सफलता ने पूरे विंध्य का गौरव बढ़ा दिया है.



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