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रीवा की गीता ने 22 महिलाओ के साथ शुरू किया मछली पालन का बिज़नेस, अब कर रहीं 80 लाख रूपये सालाना का कारोबार
Rewa's Geeta Kewat Success Story: किसी काम में अगर जोश और जज्बा हो तो वह हर मुश्किलों का सामना करके अपने काम को सफल बनाता है। इससे वह आत्मनिर्भर तो बनता ही है वह दूसरो को भी रोजगार मूलक बनाकर एक प्रेरणा के रूप में सामने आता हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाई रीवा जिले (Rewa District) के अगडाल पंचायत के उमरी गांव की महिलाओं ने।
गरीबी को दी मात
गरीबी और समस्याओं के बीच जुझती हुई उक्त महिलाओ ने मछली कारोबार करने का निणर्य लिए और वे इस कारोबार को करने के लिए चल पड़ी, जहां कुछ मुश्किलें भी आई, लेकिन इन सब के बीच वे आगे बढ़ते हुए अपने मछली कारोबार को टूटने नही दिया। आज वे सफल कारोबारी होने के साथ ही प्रतिदिन 2 क्विंटल मछली थोक बाजार में बेंच रहीं है। इससे उन्हे प्रति दिन 24 हजार रूपये की कमाई होती है। इस आमदनी से उनका मछली कारोबार बढ़ता है तो महिलाओं का परिवार चलता हैं। बताते है कि महिलाएं प्रति वर्ष मछली से तकरीबन 80 लाख रूपये का कारोबार कर रही है।
गीता केवट बनी सूत्रधार
इस कारोबार की मूख्य सूत्र धार उमरी गांव निवासी गीता केवट है। मजदूरी करने वाला यह परिवार काफी समस्याओं के बीच जीवन जी रहा था। इसी बीच गीता ने मछली पालन करने का मन बनाया और वह कुछ महिलाओं के साथ मिलकर गांव के तालाब को लीज पर ले लिया। महिलाओ ने उसमें मछली पालन शुरू किया और अब गीता के समूह में 22 महिलाएं जुड़ चुकी है।
2014 में शुरू किया कारोबार
गीता केवट ने मछली पालन करने के लिए वर्ष 2014 में इसकी शुरूआत की और अधिकारियों से मिलकर मछली पालन की जानकारी लेने के साथ ही महिलाओं को एकत्रित किया। विभाग से मिली जानकारी और मदद से वह इस कारोबार को शुरू की। बताते है कि कारोबार अच्छा तो था लेकिन तालाब से मछली को निकालने के बाद उसे बाजार तक ले जाना भी चुनौती थी। इसके लिए वे पहले किराए का ऑटो करके मछलियों को बाजार ले जाती थी। वर्ष 2020 में उन्होने पीएम मृत्स्य संपदा योजना से ऑटो खरीदा और अब अपने खुद के ऑटो से बाजार तक मछली ले जाने का काम कर रही है।
घर की बदली स्थित, बढ़ा रोजगार
गीता केवट कहतीं है कि घर की स्थित ऐसी थी 8 परिवार का भरण-पोषण किसी चुनौती से कम नही था। ऐसे में उसने व्यवसाय को बदलने और कारोबार करने का मन बनाया। मछली व्यवसाय से आज उसके घर की स्थित में अब बदलांव आया है, तो वही महिलाओं को इससे रोजगार भी मिल रहा है।