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रीवा: आपसी विवाद में मारपीट तथा गाली-गलौज करने वाले 2 आरोपियों को 2-2 वर्ष की सजा व अर्थदंण्ड से किया गया दण्डित
COURT
रीवा (Rewa News): प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी कर रही लोक अभियोजक श्रीमती शशि तिवारी ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुबोध कुमार जैन की अदालत में आपसी विवाद एवं गाली-गलौज करने वाले दो आरोपी रवि प्रकाश सिंह तिवारी पिता रामसुमिरन सिंह तिवारी उम्र 56 वर्ष निवासी ग्राम किटहा थाना, गोविन्दगढ़ जिला रीवा (म०प्र०) एवं प्रभात सिंह तिवारी पिता रवि प्रकाश सिंह तिवारी उम्र 35 वर्ष निवासी ग्राम किटहा थाना, गोविन्दगढ़ जिला रीवा (म०प्र०) को दो-दो वर्ष की सजा सुनाई गई है।
संक्षेप में मामला इस प्रकार है-
दिनांक 15.04.2018 को थाना, गोविन्दगढ़ जिला रीवा (म०प्र०) में फरियादी श्रीधर सिंह तिवारी द्वारा इस आशय की रिपोर्ट लिखाई गई थी। दिनांक 14.04.2018 को समय 04 बजे ग्राम किटहा में उसके पिता कुत्ते को भगा रहे थे, तभी रचि प्रकाश सिंह तिवारी ने सोचा की उन्हें कुत्ता कह रहे है। इसी बात को लेकर आपस में वाद-विवाद हुआ। इसी बात को लेकर रवि प्रकाश सिंह तिवारी एवं प्रभात सिंह तिवारी उसके पिता को गंदी-गंदी गालियाँ देते हुए लाठी राड से हमला कर मारपीट करने लगे, जिस पर फरियादी की माँ ललिता सिंह तिवारी बीच-बचाव करने आई तो रवि प्रकाश सिंह तिवारी द्वारा माँ के सिर में राड से वार किया जिस कारण उसकी माँ गिरकर बेहोश हो गई। रवि प्रकाश सिंह तिवारी जाते-जाते जान से मारने की धमकी दे रहे थे।
फरियादी द्वारा 108 एम्बुलेन्स के द्वारा माँ को सी.एच.सी. गोविन्दगढ़ लेकर आया, जहां से डॉक्टरों द्वारा उसे संजय गाँधी रीवा के लिए रेफर कर दिया गया। फरियादी की रिपोर्ट पर थाना गोविन्दगढ़ जिला रीवा में अपराध क्रमांक 106/2018 धारा 294, 323, 508, 34, भा०द०स० पंजीबद्ध किया गया। विवेचना के दौरान अहात ललिता सिंह तिवारी की नाक की हड्डी में फैक्चर पाये जाने के कारण धारा 325, 326 भा०द०स० बढ़ाई गई तथा आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। जहाँ लोक अभियोजक श्रीमती शशि तिवारी ने तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि आरोपियों द्वारा कारित अपराध गंम्भीर प्रकृति का है। इसलिए आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाय।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुबोध कुमार जैन ने दोनो पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद अभियुक्त रवि प्रकाश सिंह तिवारी एवं प्रभात सिंह तिवारी को भा०द०वि० की धारा 325, के अन्तर्गत दोनों आरोपियों को दो-दो वर्ष की कठोर सजा एवं पाँच-पाँच हजार रूपये के अर्थदंण्ड से दण्डित किया गया। तथा अर्थदंण्ड की राशि न अदा करने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।