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REWA: टमाटर की खेती ने बदली किस्मत, एक साल में 7 लाख की आमदनी

REWA: टमाटर की खेती ने बदली किस्मत, एक साल में 7 लाख की आमदनी
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MP Rewa News: रीवा शहर के किसान विद्याशंकर का मानना है खेती से बढ़ कर कोई उद्यम नहीं है, इसमें आत्मिक शांति मिलती है, शरीर स्वस्थ्य रहता है और समय भी मिलता है।

MP Rewa Farmer News: कब कौन से काम से किसकी किस्मत बदल जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। विंध्य क्षेत्र में अधिकतर किसान जहां खेती को नुकसान का पर्याय मानते हैं वहीं कई किसान ऐसे भी हैं जो कि खेती को अपनी जीवन का आधार मानते हुए लाखों की आय प्राप्त कर रहे हैं। ऐसे किसान कुछ नया नहीं करते। यह कार्य तो खेती का ही करते हैं लेकिन इसमें तकनीक को जोड़ कर उसका लाभ लेते हैं। इसी कड़ी में जिले के अजगरहा निवासी किसान विद्याशंकर यादव केवल टमाटर की खेती करके 7 लाख रूपए की आय टमाटर बेंच कर करते हैं। विद्याशंकर (Vidyashankar) की माने तो खेती को अगर सही तरीके से किया जाय तो यह भी लाभ का धंधा (Agriculture Business) बन सकता है।


क्या करते हैं अलग

Tommato Cultivation/ Tamatar Ki Kheti: किसान विद्याशंकर की माने तो वह 40 ढिसमिल जमीन में तकरीबन 5 हजार टमाटर के पेड़ तैयार करता है। अक्टूबर से मई माह तक टमाटर की खेती होती है। गर्मी में टमाटर का अच्छा रेट मिल जाता है, क्योंकि गर्मी में अधिकतर किसानों के टमाटर की फसल नष्ट हो जाती है। किसान की माने तो गर्मी में भी उसकी टमाटर की फसल बहुत अच्छी होती है। इसका कारण यह है कि अपने खेत के चारों तरफ उसने आंवले के पेड़ लगा रखे हैं। जिससे आंवले के पेड़ के कारण खेत में ज्यादा धूप नहीं जा पाती। जिससे टमाटर की फसल प्रभावित नहीं होती है।

भिंडी, भुट्टा और आंवला से फायदा

Vegetable Farming: बताया गया है कि टमाटर के अलावा भिंडी, भुट्टा और आंवला से भी किसान विद्याशंकर को अच्छी आय हो जाती है। प्रतिवर्ष भिंडी बेंच कर किसान विद्याशंकर को एक लाख की आय हो जाती है। इसी प्रकार भुट्टा और आंवला बेंच कर भी किसान को 80 हजार से अधिक की इनकम होती है। बताया गया है कि सब्जी के अलावा डेयरी का व्यवसाय (Dairy Business) भी विद्याशंकर द्वारा किया जाता है। दूध बेंच कर वह प्रतिवर्ष 2 लाख की आय प्राप्त करता है।

नहीं करनी नौकरी

विधि की पढ़ाई पूरी कर चुके किसान विद्याशंकर की मानें तो खेती से बढ़ कर कुछ नहीं है। इसमें फायदा भी अच्छा है। जरूरत है तो इसे सही तरीके से करने की। किसान की माने तो उसने कभी नौकरी के बारे में सोचा ही नहीं, वह हमेशा से ही खेती करना चाहता था। आज वह जो कुछ भी है खेती की ही बदौलत है। उसकी आर्थिक स्थिति ठीक है, परिवार अच्छे से जिंदगी बसर कर रहा है। यह सब हुआ है तो खेती की बदौलत।

Ankit Pandey | रीवा रियासत

Ankit Pandey | रीवा रियासत

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