रीवा

REWA: स्कूल के बगल में गुटखा सिगरेट नहीं बेच सकते, दारु बेचो तो ठीक? वाह रे रीवा प्रशासन

REWA: स्कूल के बगल में गुटखा सिगरेट नहीं बेच सकते, दारु बेचो तो ठीक? वाह रे रीवा प्रशासन
x
REWA: नशा मुक्त भारत अभियान के तहत कलेक्टर मनोज पुष्प के आदेश पर गरीब पनवाड़ियों के ऊपर सख्त एक्शन लिया गया

REWA: मध्य प्रदेश सरकार सहित प्रशासन ने राज्य को नशा मुक्त बनाने की कसम खाई है. प्रशासन और पुलिस ने मिलकर गांजा और नशीली सिरप बेचने वालों के खिलाफ जो एक्शन लिया है वह निश्चितरूप से सराहनीय है लेकिन वाहवाही लूटने के चक्कर में प्रशासन ने गरीबों की पूंजी नास कर दी है. रीवा कलेक्टर मनोज पुष्प के आदेश पर प्रशासन के अधिकारीयों-कर्मचारियों ने गरीब पनवाड़ियों को अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया है. जो जनता को बिलकुल पसंद नहीं आ रहा है.




दरअसल बीते दो दिनों से रीवा प्रशासन उन गरीब पनवाड़ियों के तम्बाकू सामग्रियों को नष्ट कर रहा है जो अपनी दुकान स्कूल-कॉलेज जैसे संस्थानों के पास संचालित करते हैं. एमपी गवर्नमेंट के हिसाब से स्कूल-कॉलेजों के बाहर या आसपास तम्बाकू युक्त प्रोडक्ट्स जैसे गुटखा, पान, सिगरेट नहीं बिकनी चाहिए। इसी लिए प्रशासन ने सबसे पहले उन गरीब गुमटी संचालकों को अपना निशाना बनाया जो अपनी दुकान से रोज़ 50-100 रुपए का धंधा कर अपना परिवार चलाते हैं.

दिक्कत है तो बैन करो ना

सरकार का कहना है कि मध्य प्रदेश को नशा मुक्त बनाना है. लेकिन आबकारी निति 2022 के तहत दारु के रेट 10% कम कर दिए गए हैं. हर शहर में दारु के ठेकों की संख्या बढ़ा दी गई है. जनता का कहना है कि अगर पान, बीड़ी, गुटखा का सेवन गलत है तो सरकार इसे बैन ही क्यों नहीं कर देती? जो शहर में गुटखे का बड़ा सप्लायर है उसके खिलाफ एक्शन लेने की हिम्मत प्रशासन क्यों नहीं करता, और जो गुटखा बनता है उसका प्रोडक्शन ही क्यों नहीं रुकवा देता? ऐसा इस लिए क्योंकि प्रशसन सिर्फ गरीबों पर ही अपनी हुकूमत चला सकता है.

गोमती वाले को पकड़ने से नशा मुक्त भारत न होगा साहेब

प्रशासन सोचता है कि पान की गोमती वाले गरीब की पूंजी को उसी के हाथों से जलवा कर बहुत महान काम किया जा रहा है. कलेक्टर साहेब कहते हैं कि जबतक रीवा पूर्ण रूप से नशा मुक्त नहीं होगा तबतक एक्शन लिया जाएगा। बहुत बढ़िया कहा है, नशा मुक्त रीवा सबको चाहिए। बस जनता को अधिकारी साहेब ये बता दें कि हर चौराहे में खुले शराब के ठेके और मैखाने कब बंद होंगे?

दारु की दुकान भी स्कूल के बगल में है

आप स्कूल के आस पास तम्बाकू सामग्री बिकने से रोकना चाहते हैं? अच्छी बात है मगर उन शराब अड्डों का क्या जो स्कूल के करीब संचालित हैं? मार्तण्ड एक्सीलेंसी और सेंट्रल एकेडमी सहित केंद्रीय विद्यालय से ठीक वाकिंग डिस्टेंस पर 2 दारु के अड्डे हैं, इधर पिके स्कूल और बाल भारती सहित ज्ञानस्थली के पास सिरमौर चौराहे में दारु की दुकान है, गवर्नमेंट स्कूल क्रमांक एक और सरस्वती जेल मार्ग के वाकिंग डिस्टेंस के पास बिछिया में दारु की दुकान है इन्हे कब बंद करवाएंगे ? नहीं करवा पाएंगे साहेब।



Next Story