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रीवा: EOW का अधिकारी बता कर ठगी करने वाले गिरोह का बढ़ा कुनाब, सिम बेंचने वाले भी सलाखों में
रीवा। खुद को ईओडब्ल्यू तथा लोकायुक्त का अधिकारी बता कर सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों से ठगी करने वाले गिरोह का कुनाब बढ़ गया और अवैध सिम बेंचने वाले भी सलाखों के पीछे पहुच गए है।
एसपी ईओडब्ल्यू ने बताया कि दोनों आरोपियों के पास से दर्जनों सिम बरामद हुई थी। पूछताछ में पता चला था कि उक्त सिम वीरेन्द्र पटेल, आशीष विश्वकर्मा और विशेष विश्वकर्मा ने फर्जी आईडी पर दी थी। ठगराजों को आरोपी 500 रूपये में सिम उपलब्ध कराते थें। रिमांड के दौरान ईओडब्ल्यू ने आशीष विश्वकर्मा पुत्र विश्वनाथ विश्वकर्मा निवासी गोबरी तहसील मैहर जिला सतना के पास से 11 फर्जी आधार कार्ड और 3 फर्जी वोटर आईडी कार्ड जब्त किए है।
225 चालू सिम बरामद
जांच के दौरान विशेष विश्वकर्मा के पास से 225 चालू सिम बरामद हुई है। जो कि आईडिया, एयरटेल, वोडाफोन, जियो कम्पनी की है। विशेष ने बताया कि वह 500 रुपये में किसी भी व्यक्ति को चालू सिम उपलब्ध करा देता था। अपने पास रखे फर्जी आईडी कार्ड से सिम को वेरीफाइड भी करा देता था। ऐसे में ईओडब्ल्यू अब विवेचना में इन मोबाइल कम्पनियों के डिस्ट्रीब्यूटर, टीएम एवं डीएसएम से भी पूछतांछ करेगी।
15 लाख से ज्यादा का लेनदेन
बताया गया है कि बाप-बेटे के अकाउंट में 15 लाख से ज्यादा का लेनदेन मिला है। उन्होने सतना, रीवा और पन्ना जिला के अधिकारियों से कई बार नकदी भी जाकर ली है। वहीं किराये के मकान में एक डायरी मिली है। जिसमे 50 पेजों में अधिकारियों के नाम लिखे मिले है।
वेबसाइट से तलाश करते थें नंबर
एसपी ने बताया कि बाप और बेटे वेबसाइट में जाकर अधिकारियों के फोन नंबर की सूचियां प्राप्त करते थे। जिसके बाद सबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को फोन करते थें। कुछ अधिकारियों को लोकायुक्त तो कुछ को ईओडब्ल्यू का अधिकारी बताने के साथ ही उनकी जांच किए जाने का धौस देते थें। झांसे में आते ही लेन-देन की बात करते थें। जैसे नोट लगे हुए है। संजय मिश्रा ने पूछताछ में बताया कि वह दिनभर में दर्जन भर अधिकारियों को फोन लगाता था। काम हो जाने पर उसमें टैग लगा देता था।
इन विभागों में रहती थी दखल
आरोपी संजय मिश्रा के पास मिली सूची में नगरीय प्रशासन विभाग समस्त रीवा एवं शहडोल संभाग, शहडोल के पटवारियों की सूची, पन्ना के सरपंच एवं सचिवों की सूची, जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत सतना, सीधी, पन्ना एवं रीवा, जल संसाधन विभाग जिला होशंगाबाद, खण्डवा, सागर, बालाघाट, नरसिंहपुर, भिण्ड, मुरैना, रतलाम आदि शामिल थे। इसी तरह वन विभाग रीवा एवं शहडोल संभाग, तहसील अमरपाटन के पटवारियों की सूची, स्वास्थ्य विभाग रीवा जिला एवं अन्य जिलों की सूचियां, तहसील रीवा, हुजूर के पटवारियों की सूची, आदिम जाति कल्याण विभाग के कई जिलों के अधिकारियों ने नाम सूची में थे।
3 से 6 हुए आरोपी
ईओडब्ल्यू टीम ने ठगी के मामले से 3 से 6 आरोपी बनाए है। पहले संजय मिश्रा, बेटा आष्कृत मिश्रा और पन्ना निवासी रघुराजा गर्ग को आरोपी बनाया था। तब 17 जनवरी को रघुराजा गर्ग को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया था। जबकि पिता और पुत्र को तीन दिन की कस्टडी ईओडब्ल्यू पुलिस ने ली है। इस बीच तीन नए आरोपी बने। जिसमे वीरेन्द्र पटेल को 19 जनवरी को न्यायालय में पेश किया गया। वहीं आशीष विश्वकर्मा और विशेष विश्वकर्मा फर्जी आईडी कार्ड लगाकर 500 रुपए में सिम का बड़े स्तर में फर्जीवाड़ा करते पाए गए है।