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Rewa : फंगल इन्फेक्शन का बदला रूप, अस्पताल में तेजी से बढ़ रही मरीजों की संख्या
रीवा। फंगल इन्फेक्शन या रिंग बर्न इन्फेक्शन की बीमारी का नेचर बदल गया है। आमतौर पर यह बीमारी उमस और बारिश के मौसम में अधिक होती है, लेकिन अब यह बीमारी बीच में हुई बारिश के बाद दिखाई दे रही है।
सबसे खास बात यह है कि फंगल इन्फेक्शन की दवाओं के नॉर्मल डोज से जहां यह बीमारी ठीक हो जाती थी, वहीं अब नॉर्मल डोज कारगर साबित नहीं हो रहा है। इतना ही नहीं यह बीमारी अब छोटे बच्चों में भी देखने को मिल रही है, जो सामान्यत: बच्चों में नहीं होती थी। इसका खुलासा संजय गांधी अस्पताल के चर्म रोग विभाग द्वारा 4 माह में एक हजार मरीजों पर की गई स्टडी के बाद किया गया है।
यह है फंगल इन्फेक्शन त्वचा की ऊपरी सतह पर पपडिय़ा जमना, पैरों में खुजली होना, पैरों के नाखूनों का पीला और मोटा होना, त्वचा पर लाल चकत्ते बनना और उनके चारों ओर खुजली होना, पसीने वाले हिस्सों में ज्यादा खुजली होना, शरीर के ऊपर लाल रंग का रिंग की तरह रैस उभर आना, सिर पर होने पर सिर के बाल उडऩे लगते हैं, पैर और हाथ पर होने पर स्किन के ऊपर सफेद परत बन जाना, नाखून काला पड़ जाना, मरीज को खुजली होना।
यह सभी फंगल इन्फेक्शन के लक्षण हैं जो एक संक्रामक रोग है। डायबिटीज के रोगी में इस इन्फेक्शन की आशंका अधिक रहती है। फंगल इन्फेशन बालों में भी हो सकता है। इसके कारण बाल बहुत तेजी से झड़ते हैं तथा रूखे एवं बेजान दिखाई देते हैं।
बालों में खुजली एवं जलन। परतदार डैंड्रफ। पसीने के बाद खुजली। अधिक संख्या में बालों का झडऩा यह सब बालों में होने वाले फंगल इन्फेक्शन के सामान्य लक्षण इस हैं। प्राय: बालों के फंगल इन्फेक्शन का पता आसानी से नहीं चलता।
चूंकि बालों में डैंड्रफ दिखाई देती है अत: इसे सामान्य डैंड्रफ का केस समझकर चिकित्सा की जाती है जिससे कुछ राहत तो मिलती है, परंतु समस्या का पूर्ण समाधान नहीं होता। एक भर्ती एक की मौत: संजय गांधी अस्पताल में मंगलवार को एक मरीज भर्ती हुआ जबकि एक मरीज की फंगस अटैक से मौत हो गई। वही दो मरीजों के नाक का ऑपरेशन किया गया। वर्तमान में 35 मरीज भर्ती है जिसमें तीन आईसीयू में और 32 वार्ड में भर्ती ह