रीवा

रीवा सुपर स्पेशलिटी चिकित्सालय ने फिर रचा इतिहास, जानिए....

Rewa Super Specialty Hospital
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जिले मे संचालित सुपर स्पेशलिटी चिकित्सालय के कार्डियो थोरेसिक एवं वेस्कुलर सर्जरी विभाग में विगत दिवस 48 वर्षीय मरीज की बायपास सर्जरी कर जान बचायी गई। उपमुख्यमंत्री तथा मंत्री लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा श्री राजेन्द्र शुक्ल के सतत प्रयासों एवं सहयोग से सुपर स्पेशलिटी चिकित्सालय के सी.टी.व्ही.एस. विभाग द्वारा बॉयपास सर्जरी किया जाना संभव हो पाया है। अधीक्षक डॉ. अक्षय श्रीवास्तव ने बताया कि जटिल प्रोसीजर को सफलता पूर्वक सफल बनाने में डॉ. अविजित सिंह सह प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष, उनकी पूरी टीम तथा निश्चेतना विभाग के डॉ. मुनीर अहमद, सहायक प्राध्यापक कार्डियक एनस्थिसिया, इन्दौर एवं डॉ. आलोक प्रताप सिंह, प्राध्यापक तथा डॉ. व्ही.डी. त्रिपाठी, प्राध्यापक डॉ. सुनील कुमार त्रिपाठी, डॉ. के.डी. सिंह एवं डॉ. पुष्पेन्द्र शुक्ला, यूरोलॉजी विभाग का विशेष योगदान रहा।

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बाल अधिकार संरक्षण आयोग शिविर का आयोजन 25 जून को

जनपद पंचायत सिरमौर कार्यालय के पास सामुदायिक भवन में आयोजित होगा शिविर

रीवा 20 जून 2024. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की बेंच 25 जून को सिरमौर में बच्चों के अधिकारों से जुड़े प्रकरणों की सुनवाई करेगी। शिविर में चिन्हित बच्चों को शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा। इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती प्रतिभा पाण्डेय ने बताया कि शिविर में मुख्य रूप से सिरमौर तथा जवा विकासखण्डों के बच्चे शामिल होंगे। इनका पंजीयन सुबह 9 बजे से सामुदायिक भवन में शुरू हो जाएगा। शिविर की कार्यवाही सुबह 10 बजे से आरंभ होगी। शिविर में बच्चों के आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड बनाने तथा अन्य योजनाओं से लाभान्वित करने की व्यवस्था की गई है। शिविर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल बोर्ड की टीम के माध्यम से बच्चों के स्वास्थ्य की जाँच की जाएगी तथा दिव्यांगता प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे। छात्रवृत्ति वितरण, खाद्यान्न वितरण, शिक्षा का अधिकार अधिनियम तथा यौन दुर्व्यवहार के प्रकरणों की सुनवाई भी की जाएगी।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग भारत सरकार द्वारा सीपीसीआर अधिनियम 2007 के तहत गठित संवैधानिक निकाय है। आयोग का मुख्य उद्देश्य बच्चों को संविधान के विभिन्न प्रावधानों के तहत दिए गए अधिकारों का लाभ देने के लिए प्रत्येक बच्चे को सक्षम बनाना है। आयोग की बेंच सुनवाई के दौरान बच्चे, उसके माता-पिता, संरक्षक अथवा बच्चे की देखभाल करने वाले द्वारा प्रस्तुत शिकायतों की सुनवाई करेगी। शिविर में बालश्रम से मुक्त कराए गए बच्चों के पुनर्वास, एसिड हमले के पीड़ितों, निराश्रित बच्चों, शारीरिक दुर्व्यवहार और शोषण से पीड़ित बच्चों तथा घरेलू हिंसा के शिकार बच्चों के प्रकरणों की सुनवाई करेगी। शिविर में पुलिस द्वारा बच्चों के दुर्व्यवहार, अवैध दत्तक ग्रहण, बच्चों के खिलाफ हिंसा, बच्चे की तस्करी, सड़कों पर बेसहारा तथा भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों, दिव्यांगता से पीड़ित बच्चों की शिकायतों पर भी सुनवाई की जाएगी। बच्चों के कल्याण से जुड़ी योजनाएं तथा कार्यक्रम संचालित करने वाले सभी विभाग शिविर में उपस्थित रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग भारत सरकार का वैधानिक निकाय है जिसे सीपीसीआर अधिनियम 2007 के तहत गठित किया गया है। आयोग का मुख्य उद्देश्य देश के समस्त बालकों को उनके अधिकारों को सुरक्षित करने में सक्षम बनाना है। आयोग की टीम बच्चों के अधिकारों के उल्लंघन और वंचन से संबंधित मामलों के विरूद्ध जनमानस से शिकायतें लेगी। बालक, माता-पिता, अभिभावक, देखभाल करने वाले या बाल अधिकारों के लिये काम करने वालों के लिये किसी भी अन्य व्यक्ति सहित कोई भी व्यक्ति एनसीपीसीआर की बेंच/कैम्प के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। स्ट्रीट चिल्ड्रन, स्कूल, चाईल्ड केयर संस्था, चिल्ड्रन होम, हॉस्टल या कोई अन्य स्थान जहां बच्चें शिक्षा/प्रशिक्षण लेते हैं या निवास करते हैं आदि सहित सभी वर्गों के बच्चे बेंच के समक्ष अपनी शिकायत/अभ्यावेदन कर सकते हैं।

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