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- REWA : गले की जगह पेट...
रीवा। संजय गांधी अस्पताल में पदस्थ डाक्टरों पर उपचार में लापरवाही बरतने के आरोप आये दिन लगते रहते हैं। इतना ही नहीं लापरवाही का नतीजा रहा कि कई मरीजों की जान भी जा चुकी है। लेकिन शासन-प्रशासन ऐसे लापरवाह डाक्टरों पर कार्यवाही करने की बजाय उन्हें अभयदान दिये हुये है। जिसका नतीजा है कि गरीब लुटने-पिटने के बाद जीवन से हाथ धो लेते हैं।
इसी तरह का ताजा मामला फिर सामने आया है जहां डाक्टर के गलत उपचार के कारण मरीज की जान चली गई। मिली जानकारी के अनुसार सुमित विश्वकर्मा निवासी पुष्पराज नगर 27 जून को चोरहटा थाना क्षेत्र के दुआरी गांव स्थित शहनाई गार्डन में मजदूरी करने गया था जहां वह करंट की चपेट में आ गया था।
घायल अवस्था में उसे संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया। बताया गया कि सुमित ऊंचाई पर चढ़कर बिजली बना रहा था जहां करंट के झटके से वह नीचे गिर गया। गिरने के उसके गले में चोट लगी थी। जहां संजय गांधी अस्पताल में जांच उपरांत डा. सोमपाल जिंदल के द्वारा आपरेशन की सलाह दी गई थी।
पीड़ित परिजनों के मुताबिक डा. सोमपाल जिंदल ने कहा कि संजय गांधी अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं इसलिए विंध्य हास्पिटल में भर्ती कराने की सलाह दी गई तथा आपरेशन के लिये 45000 रुपये लिये गये। डाक्टर द्वारा एक जुलाई को पीड़ित का आपरेशन किया गया लेकिन गले का आपरेशन करने की बजाय पेट का आपरेशन कर दिया गया। जबकि पीड़ित को तकलीफ गले थी।
परिजनों ने देखा कि डाक्टर गले आपरेशन करने के लिये बोले थे और आपरेशन का किया गया है। यह देख उनके होश उड़ गये। डाक्टर के गलत उपचार की वजह से सुमित हालत बिगड़ गई तब उसे संजय गांधी अस्पताल भेज दिया गया जहां उसकी मौत हो गई।
परिजनों ने किडनी निकालने का लगाया आरोप
परिजनों ने डाक्टर पर किडनी निकालने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब सुमित के गले में तकलीफ थी तो पेट का आपरेशन क्यों किया गया। जबकि गले में कोई चीरा घाव आ नहीं है। परिजनों ने बताया कि डाक्टर सोमपाल जिंदल ने कहा कि संजय गांधी अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है इसलिये विंध्या हास्पिटल में आपरेशन करेंगे जहां उनके द्वारा 45000 रुपये जमा कराये गये, अब उनका मरीज की मौत भी हो गई और पैसा भी चला गया।
डाक्टर का विवादों से नाता
आपको बता दें कि डाक्टर सोमपाल जिंदल का विवादों से नाता है। अभी 15 दिन पूर्व भी एक रीवा हास्पिटल में एक मरीज की मौत पर डाक्टर जिंदल पर लापरवाही और पैसों का आरोप लगाया गया है। विंध्य के सबसे बड़े अस्पताल में पदस्थ डाक्टर अपने फायदे के लिये मरीजों को निजी नर्सिंग होम भेजने का खेल चल रहा है। जहां मुंह मागी रकम वसूली जाती है और मनमानी रुपये मिलने पर मरीजों की जान से खिलवाड़ करने से नहीं चूकते हैं। क्या ऐसे भी डाक्टर धरती के भगवान की श्रेणी में आते हैं। कोई एक मरीज भगवान भरोसे बच गया तो अपनी वाहवाही समाचार पत्रों में छपवाने से नहीं चूकते।