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खस्ताहाल है रीवा-शहडोल सड़क, लेकिन विंध्यवासियों की जेब काटने MPRDC ने जारी किए दो Toll Plaza खोलने के आदेश
रीवा. रीवा और शहडोल (Rewa to Shahdol Road) के बीच सड़क की स्थिति दयनीय है. 165 किमी तक सड़क खराब है, आए दिन खराब सड़क के चलते एक्सीडेंट होते हैं लोगों की जानें जा रही है लेकिन उसे सुधारने की बजाय MPRDC ने इस मार्ग पर महज दो टोल प्लाजा (Toll Plaza) खोले जाने के आदेश जारी कर दिए है. यानि सड़क नहीं तो भी आपको अपनी जेब से टोल भरने पड़ेंगे, भले ही आप अपने रिस्क पर यहाँ वाहन चला रहें हो या अपने वाहन की कंडीशन खराब कर रहें हो.
रीवा से शहडोल के बीच 165 किमी के इस खस्ताहाल सड़क में चलने वाले वाहनों के टोल वसूली के लिए कंपनी भी हायर कर ली गई है. जो जल्द ही लोगों की जेब ढीली करना शुरू कर देगी. बताया गया है कि पीके जोशी जनरल मैनेजर बीओटी ने 8 जून 2021 को आदेश जारी किया है. इसमें एमएस आरएसआई स्टोन वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड अरेरा कॉलोनी भोपाल लिमिटेड को टोल रेट निर्धारित किए जाने का पत्र लिखा गया है.
ज्ञात हो कि रीवा से अमरकंटक तक की सड़क का निर्माण मलेशिया की कंपनी द्वारा कराया गया था. इस पर दूसरी कंपनी का टोल लगा हुआ था. सड़क पर चलने वालों को वाहनों का टोल टैक्स चुकाना पड़ रहा था. अनुबंध के हिसाब से अवधि समाप्त होने के बाद टोल हटा दिया गया. लेकिन टोल हटने के बाद सड़क का मेंटिनेंस भी भगवान भरोसे चला गया. सड़क की हालत खस्ता हो गई, बड़े बड़े गड्ढे होने लगे.
हांलाकि सीधी बस हादसे के बाद से MPRDC के अधिकारियों की नींद किंचित टूटी, 10 करोड़ की लागत से सड़कों के गड्ढे तो भरा दिए गए, लेकिन अभी भी सड़क की हालत दयनीय बनी हुई है. इसी तरह से 3 करोड़ की लागत से छुहिया घाटी की सड़क की भी मरम्मत कराई गई है. पर अब रीवा से शहडोल के लिए आने जाने वाले लोगों के लिए टोल रेट का निर्धारण कर दिया गया है. जल्द ही इस खस्ताहाल सड़क में चलने के बाद भी लोगों को टोल भरना पड़ेगा.
दो टोल प्लाज़ा लगेंगे
इस मार्ग में दो टोल प्लाजा लगाए जाएंगे. रीवा से ब्योहारी के बीच 80 किमी के लिए टैक्स लगेगा, वहीं दूसरा टोल ब्योहारी से शहडोल के बीच 85 किमी तक का लगेगा. यानी आपकी जेब कटनी तय है. विंध्य के लोगों को लूटने के लिए एमपीआरडीसी द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है.
मेंटिनेंस का जिक्र नहीं पर टोल वसूलेगी कंपनी
हद तो यह है कि एमपीआरडीसी के आदेश में कहीं भी सड़क के मेंटिनेंस का जिक्र तक नहीं है. यानी कंपनी सिर्फ टोल वसूलेगी, और वाहन चालकों को अपनी जेब ढीली करना होगा.