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रीवा: गांवो में फैली अज्ञात बीमारी, कुत्तों की हो रही मौत, दहशत में ग्रामीण
Rewa MP News: रीवा जिले के ग्रामीण अंचल में कुत्तां के मरने की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिला है। कुत्ते किस बीमारी के कारण मर रहे हैं इसका पता अभी नहीं चल पाया है। स्थिति यह है कि पिछले एक सप्ताह के अंतराल में सेमरिया विधानसभा के अंतर्गत आने वाले आधा दर्जन से अधिक गांवो में 70 से 80 कुत्तों की मौत हो चुकी है। इस तरह से हो रही कुत्तों की मौत के कारण ग्रामीण भी दहशत में है। ग्रामीण इस बात से परेशान है कि जिस अज्ञात बीमारी के कारण कुत्तों की मौत हो रही है कहीं वह बीमारी हमारे बच्चों में न आ जाए। ग्रामीणों की माने तो इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा स्वास्थ्य विभाग को भी सूचना पूर्व में दी जा चुकी है। इसके बाद भी अभी तक स्वास्थ्य विभाग की टीम किसी भी गांव में नही पहुंची है। समय रहते अगर जिला प्रशासन और पशु स्वास्थ्य विभाग नही पहुंचा तो स्थिति और भयावह हो सकती है।
प्रत्येक कुत्ते में बीमारी का लक्षण समान
बताया गया है कि कुत्तों की मौत जिस अज्ञात बीमारी के कारण हो रही है उसके लक्षण समान ही है। ग्रामीणों की माने तो बीमारी की चपेट में आने से सबसे पहले कुत्ते खाना छोड़ देते हैं। इसके बाद वह कुछ दिनों बाद कुत्ते पानी पीना भी बंद कर देते हैं। बीमारी के एक सप्ताह के अंदर ही अचानक कुत्ते को उल्टी आती है और अंत में कुत्ते की मौत हो जाती है। बताते हैं कि बीमारी की चपेट में आने के एक सप्ताह के अंदर ही कुत्तों की जान चली जाती है।
इन गांवो में फैली बीमारी
कुत्तों के मरने का सिलसिला सेमरिया विधानसभा के आधा दर्जन गांवो में देखने को मिला है। जिन गांवो में कुत्तों के मरने की घटना हुई उसमें बिहरा, कुल्लू, पैपखरा, बिड़वा, जेरूका, कुंइया गांव शामिल है। गौरतलब है कि मरने वाले कुत्तों की उम्र एक माह से आठ माह के बीच बताई गई है।
इनका कहना है
कुल्लू निवासी प्रदीप पाठक ने बताया कि पिछले दस दिन से गांव में अचानक काफी तेजी के साथ से कुत्तों के मरने की घटनाएं घटित हो रही है। बीते दिवस जहां मेरे घर का कुत्ता मर गया वहीं मेरे पड़ोसियों के कुत्तों की भी मौत अज्ञात बीमारी से हो गई है। इसी प्रकार बिहरा निवासी सुनील उर्मलिया ने बताया कि कुत्तों की मौत जिस तेजी के साथ हो रही है वैसा कभी नहीं हुआ। ग्रामीण भी दहशत में है कि आखिर किस कारण से कुत्तों की मौत हो रही है। कहीं यह बीमारी गांव के बच्चां में तो नहीं हो जाएगी। इस बात को लेकर भी ग्रामीण दहशत में है।