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रीवा: नवोदय विद्यालय के पूर्व प्राचार्य पर 1.5 लाख रिश्वत लेने का आरोप, सीबीएसई मान्यता के लिए मांगी थी रिश्वत, थाने में दर्ज हुआ प्रकरण
Sidhi MP Lokayukta
Rewa MP News: नवोदय विद्यालय मुर्झर बारासिवनी जिला बालाघाट के सेवानित्त पूर्व प्राचार्य सम्राट महादेव टेम्भुणेकर पर सीबीएसई स्कूल की मान्यता दिलाने के नाम पर 1.5 लाख रूपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया है। विद्यालय संचालक द्वारा इस संबंध में आरोपी सेवानिवृत्त प्राचार्य के खिलाफ अमहिया थाने में शिकायत की गई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच शुरू कर दी है।
क्या है मामला
बताया गया है कि अमहिया थाना क्षेत्र अंतर्गत द्वारिका नगर स्थित विजडम वैली हायर सेकेण्ड्री के संचालक रणवीर सिंह द्वारा गत दिवस थाने में प्राचार्य के खिलाफ शिकायत की गई। अपने शिकायती आवेदन में फरियादी ने कहा कि 2014 में सीबीएसई की मान्यता के लिए आवेदन दिया था। आवेदन पर सीबीएसई नई दिल्ली द्वारा विद्यालय के निरीक्षण के लिए नवोदय विद्यायल के तात्कालीन प्राचार्य सम्राट महादेव को संयोजक और अल्का श्रीवास्तव प्राचार्य वात्सल्य हायर सेकेण्ड्री विद्यायल पीली कोठी को सदस्य नियुक्त किया गया। निरीक्षण में देर होने पर संचालक ने प्राचार्य से मुलाकात कर निरीक्षण की तिथि मांगी। जिस पर प्राचार्य ने पक्ष में रिपोर्ट देने के एवज में 3 लाख रूपए की मांग की। सौदा डेढ़ लाख में तय हुआ। विद्यालय संचालक ने 20 हजार रूपए प्राचार्य की पत्नी के खाते में डलवा दिए।
चेक में दिए 1.3 लाख रूपए
बताया गया है कि 4 अप्रैल को प्राचार्य द्वारा विद्यालय का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के बाद प्राचार्य ने विद्यालय संचालक को होटल बुलाकर 1.30 लाख रूपए की मांग की। कैश न होने पर संचालक द्वारा प्राचार्य को चेक दिया गया। जिसे बाद में प्राचार्य ने कैस करा लिया।
2015 में शिकायत
बताते हैं कि विद्यालय संचालक ने मान्यता के बदले पैसे लेने की शिकायत 2015 में सीबीएसई में की। शिकायत की विभागीय जांच की गई। जांच की जिम्मेदारी जवाहर नवोदय विद्यायल के प्राचार्य एसके मीना को सौंपी गई। मीना के जांच प्रतिवेदन अमहिया थाना प्रभारी को सौंपा।
क्या कहते हैं थाना प्रभारी
नवोदय विद्यालय के पूर्व प्राचार्य पर भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है। सीबीएसई स्कूल की मान्यता दिलाने के एवज में प्राचार्य द्वारा 1.5 लाख रूपए रिश्वत मांगने का आरोप संस्था प्राचार्य द्वारा लगाया गया है।