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रीवा नगर निगम चुनाव 2022: 5 साल में 4 मेयर, जब से जनता को कमान तब से भाजपा ही सर्वमान्य; देखें अब तक के महापौरों की लिस्ट
Rewa Nagar Nigam Election 2022
रीवा नगर निगम चुनाव 2022: पहले पार्षदों ने मनमुताबिक महापौर चुना, फिर शासन ने अपना नुमाइंदा बैठाया और फिर आखिरी में फैंसला जनता करने लगी कि नगर सरकार के लिए महापौर की गद्दी किसे मिलनी चाहिए. इसी क्रम में रीवा नगर निगम में 5 साल में 4 महापौर बनते देखें. अब रीवा नगर निगम में भाजपा का कब्जा है. या यूं कहें कि रीवा नगर निगम भाजपा का ऐसा किला है, जिसे मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सालों से भेदने की कोशिश तो कर रही है पर सफल नहीं हो पा रही है.
रीवा नगर निगम में 5 साल में 4 महापौर
1994 में रीवा नगर निगम अस्तित्व में आया. नगरीय निकायों के पुनर्गठन के दौरान 1994 में रीवा शहर को नगर निगम दिया गया. और इसी समय से रीवा नगर निगम का पहला कार्यकाल शुरू हुआ, जो अक्सर विवादों में रहा. विवाद भी ऐसा कि महज 5 साल में रीवा वासियों ने 4 महापौर देख डाले. पहले दो महापौर पार्षदों ने चुने, तीसरा महापौर सरकार ने बनाया और चौथा महापौर जनता ने वोट कर तय किया. आइये पहले जानते है कि ये चार महापौर हैं कौन, और किस पार्टी के थें...
रीवा के महापौरों की लिस्ट (List of Mayors of Rewa)
- कांग्रेस के अमीरुल्ला खान रीवा के पहले महापौर बनें, इन्हे पार्षदों द्वारा चुना गया था. अमीरुल्ला का कार्यकाल 7 जनवरी 1995 से 6 जनवरी 1997 तक रहा.
- दूसरे महापौर के रूप में सावित्री पाण्डेय को पार्षदों ने चुना, ये भी कांग्रेस नेत्री थीं. तेज तर्रार सावित्री पाण्डेय 7 जनवरी 1997 से 5 अक्टूबर 1997 तक प्रभार में रहीं.
- तीसरा महापौर कांग्रेस की राज्य सरकार ने कमलजीत सिंह डंग को बनाया, ये पहली बार था कि किसी महापौर सीधे तौर पर सरकार ने मनोनीत किया हो. डंग का कार्यकाल 6 अक्टूबर 1997 से 31 दिसंबर 1997 तक रहा.
- चौथे महापौर कांग्रेस के हाँथ से फिसलकर भाजपा के खाते में चला गया. महापौर पद के लिए जनता का वोट होने लगा और जनता ने राजेंद्र ताम्रकार को महापौर बनाया. वे 1 जनवरी से 1998 से 29 दिसंबर 1999 तक इस पद पर आसीन रहें. जनता के हाथ में पावर होने के बाद 1998 से यह पद भाजपा के ही खाते में जाता रहा.
- 30 दिसंबर 1999 से 8 जनवरी 2005 तक आशा सिंह (भाजपा) रीवा की महापौर रहीं.
जनता ने भाजपा पर फिर भरोसा जताया और वीरेंद्र गुप्ता को रीवा नगर निगम का महापौर चुना, गुप्ता का कार्यकाल 9 जनवरी 2005 से 10 जनवरी 2010 तक रहा है
- जनता द्वारा शिवेंद्र सिंह पटेल (भाजपा) अगले महापौर चुने गए, पटेल का कार्यकाल 11 जनवरी 2010 से 1 जनवरी 2015 तक रहा.
- ममता गुप्ता (भाजपा) को भी जनता ने महापौर पद पर आसीन किया, श्रीमती गुप्ता 2 जनवरी 2015 से 1 जनवरी 2020 तक रीवा की महापौर रहीं.
कांग्रेस ने कभी महापौर पद का चुनाव जीता ही नहीं
कांग्रेस के 3 महापौर रहें हैं. दो को पार्षदों ने महापौर बनाया तो एक को सरकार ने मनोनीत किया. लेकिन जब से महापौर चुनने का अधिकार जनता के पास आया है तब से कांग्रेस सिर्फ चुनाव हारती आ रही है, हमेशा भाजपा ने ही बाजी मारी है.
हांलाकि 2022 के नगर निगम चुनाव के लिए 13 जुलाई को मतदान है. भाजपा और कांग्रेस एक बार फिर आमने सामने हैं, भाजपा ने प्रबोध व्यास को प्रत्याशी बनाया है तो कांग्रेस की तरफ से अजय मिश्रा बाबा को मेयर कैंडिडेट हैं. क्या जनता फिर भाजपा को ही रीवा नगर निगम का जिम्मा सौंपेगी या फिर इस बार कुछ उलट होगा, ये सब 17 जुलाई को परिणाम के साथ क्लियर हो जाएगा.
Neelam Dwivedi | रीवा रियासत
नीलम द्विवेदी जर्नलिज़्म से स्नात्कोत्तर हैं। 2016 से रीवा रियासत डॉट कॉम में बतौर कंटेंट राइटर कार्यरत हैं। इन्हें देश-दुनिया, राजनीति के अलावा स्पोर्ट्स, हेल्थ, होम डेकोर, रिलेशनशिप, लाइफस्टाइल और एंटर्टेंमेंट जैसे टॉपिक्स पर लिखने का अनुभव है। इसके अलावा खाली समय में नेचर को एक्सप्लोर करना पसंद करती हैं। साथ ही म्यूजिक, थिएटर और किताबों में भी इनकी बहुत रुचि है।