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Rewa Karhiya Mandi Revenue: रीवा की करहिया मंडी ने पिछले वर्ष से सवा करोड़ अधिक अर्जित किया राजस्व, ‘बी‘ ग्रेड में फिर हो सकती है वापसी
Rewa Karhiya Mandi Revenue: एमपी रीवा की करहिया मंडी को बेहतर राजस्व अर्जित किए जाने की वजह से एक बार फिर ‘बी’ ग्रेड मिल सकता है। इसको लेकर कवायद भी की जा रही है। पिछले वित्तीय वर्ष में 4 करोड़ 87 लाख 16 हजार 605 रुपए का राजस्व अर्जित किया था जो इस वर्ष की तुलना में 39 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में मंडी को 3 करोड़ 62 लाख 16 हजार 28 रुपए का राजस्व मिला था इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में मंडी में गेहूं की आवक ज्यादा रही। जिससे मंडी शुल्क के रूप में गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष सवा करोड़ रुपए अधिक राजस्व मिला है। करहिया मंडी में सर्वाधिक आय मंडी शुल्क से आई है। इससे अब मंडी के बी ग्रेड में वापस लौटने की संभावना बन गई है।
राजस्व घटने से ‘सी’ ग्रेड में पहुंच गई
मंडी सूत्रों की मानें तो किसानों ने समर्थन मूल्य पर गेहूं की बिक्री कम की थी। अधिक कीमत मिलने पर किसानों ने काफी मात्रा में गेहूं मंडी में व्यापारियों को बेचा। इस दौरान किसानों को 1 क्विंटल गेहूं में 33सौ रुपए तक मिले। राजस्व अधिक आने से करहिया मंडी को पहले ‘बी’ ग्रेड में रखा गया था लेकिन बीच में मंडी का राजस्व घट गया था और मंडी ‘सी’ ग्रेड में चली गई थी। जानकारी के अनुसार मंडी को यदि तीन वर्ष तक साढ़े 4 करोड़ की वार्षिक आय होती है तो मंडी के बी ग्रेड में वापस आने की संभावना बन जाएगी। पिछले वित्तीय वर्ष में तो मंडी को पौने 5 करोड़ से अधिक की आय हुई थी। मंडी प्रबंधन मौजूदा वित्तीय वर्ष में भी प्रयास कर रहा है कि इस बार भी 5 करोड़ के आसपास वार्षिक आय आ सके।
किस मद में कितनी आय
जानकारी के मुताबिक करहिया मंडी को सर्वाधिक आय मंडी शुल्क के रूप में मिली है। मंडी शुल्क के तौर पर 4 करोड़ 43 लाख 8 हजार रुपए की आय प्राप्त हुई थी। इसके अलावा लायसेंस शुल्क में 1 लाख 53 हजार और अन्य मद से 42 लाख 54 हजार 688 रुपए का राजस्व अर्जित किया गया था। वर्ष 2021-22 में देखें तो मंडी शुल्क से 3 करोड़ 18 लाख 36 हजार 666 रुपए, लायसेंस शुल्क से 3 लाख 86 हजार 990 और अन्य मद से 39 लाख 92 हजार 372 रुपए का राजस्व अर्जित किया गया था।