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रीवा में है एक से बढ़कर एक बड़े प्रपात, बरसात के दिनों में रहते हैं विशेष आकर्षण के केंद्र
मध्य प्रदेश का रीवा शहर अपने आप में विरासत की कई धरोहरों को समेटे हुए है। यूं तो मध्यप्रदेश को नदियों का मायका कहा जाता है। लेकिन जलप्रपातो के लिए रीवा की गिनती हुआ करती है। पर्यटन दृष्टिकोण से रीवा में चार बड़े जलप्रपात है। इनमें बहुती, पूरवा, क्योटी जलप्रपात तथा चचाई जलप्रपात का नाम शामिल है। साथ ही विंध्य पर्वत श्रृंखला का मनोरम दृश्य देखते ही बनता है। आईये जलप्रपातो के बारे में जानकारी एकत्र करें।
बहुती जलप्रपात
बहुती जलप्रपात रीवा जिले के मऊगंज क्षेत्र में स्थित है। इसे मध्य प्रदेश का सबसे ऊंचा झरना भी कहा जाता है। बताया गया है कि इसकी ऊंचाई 650 फीट है। इस प्रपात में ओड्डा नदी का पानी जाकर समा जाता है। आगे चलकर इस प्रभात का पानी तमसा नदी में जाकर मिल जाता है। बरसात के दिनों में इसकी अपनी अलग आभा दिखाई पड़ती है।
पुरवा जलप्रपात
टमस नदी जो कैमोर पहाड़ से निकलकर सेमरिया के बसामन मामा क्षेत्र में आकर पुरवा जलप्रपात का निर्माण करती है। यह स्थान जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बरसात के दिनों में हजारों लाखों की तादाद में पर्यटकों का आना जाना हुआ करता है।
क्योटी जलप्रपात
रीवा जिले का यह क्योटी जलप्रपात भारत देश में अपना स्थान रखता है। बताया गया है कि यह भारत का 24वां सबसे ऊंचा जलप्रपात है। क्योटी जलप्रपात महान नदी के द्वारा निर्मित है। इस नदी में जिले की कई छोटी-छोटी नदियां मिलकर महान नदी को विशाल रूप देती हैं। बरसात के समय में अगर क्योटी जलप्रपात को देखा जाए तो प्रभात पर गिरता हुआ नदी का पानी उड़ते हुए रुए के समान दिखता है। लगता है मानो रूई प्रभात में उड़ रही हो।
चचाई जलप्रपात
रीवा जिले के सिरमौर मे बीहर नदी चचाई नामक स्थान पर एक प्रपात का निर्माण करती है। जिसे चचाई प्रपात के नाम से जाना जाता है। यहां पर जल विद्युत की इकाई लगी हुई है। यहां विद्युत निर्माण किया जा रहा है। यह शहर से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।