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रीवा
REWA : शहीद परिवार की वेदना को नही समझी सरकारें, हताशा में पुत्र ने कर लिया आत्महत्या
Viresh Singh Baghel | रीवा रियासत
18 April 2021 9:53 PM IST
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रीवा (REWA NEWS) : नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए सीआइएसएफ के जवान उमेश प्रसाद शुक्ला के पुत्र द्वारा आत्महत्या किये जाने की घटना सामने आई है। इसकी ठोस वजह तो स्पष्ट नहीं हुई लेकिन परिजनों का कहना है कि वह कुछ समय से हताश था। घटना जिले के सिरमौर थाना अंतर्गत क्योंटी गांव की है
रीवा (REWA NEWS) : नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए सीआइएसएफ के जवान उमेश प्रसाद शुक्ला के पुत्र द्वारा आत्महत्या किये जाने की घटना सामने आई है। इसकी ठोस वजह तो स्पष्ट नहीं हुई लेकिन परिजनों का कहना है कि वह कुछ समय से हताश था। घटना जिले के सिरमौर थाना अंतर्गत क्योंटी गांव की है
एक दिन पूर्व पहुचा था गांव
मृतक के मामा रामउजागर पांडे ने बताया कि शहीद की पुत्री और पुत्र दोनों इंदौर में पढ़ाई कर रहे थे। अभिषेक इंदौर से अपने गांव क्योंटी पहुचा और दूसरे दिन फांसी के फंदे पर झूलता हुआ पाया गया है। प्रथम दृष्टया आत्महत्या से जुड़ा मामला सामने आया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
घर के खर्च को लेकर चितिंत था शहीद का पुत्र
परिजनों का कहना है कि वह कुछ समय से इस बात को लेकर हताश था कि पिता की मौत के बाद परिवार में किसी सदस्य को नौकरी नहीं मिली तो अब आगे का खर्च कैसे चलेगा, इसको लेकर वह चर्चा कर रहा था।
कई वर्षो से न्याय के लिये भटक रहा है परिवार
शहीद की पत्नी सरोज शुक्ला अपने भाई रामउजागर पाण्डेय के साथ बीते कई वर्षों से न्याय के लिए जगह-जगह भटक रहीं है। सरकार की तकनीकी लापरवाही की वजह से अब तक उक्त परिवार को श्रद्धा सम्मान निधि एवं अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिला था। परिवार की आर्थिक स्थिति भी खराब होती जा रही थी। कुछ समय पहले ही मध्यप्रदेश सरकार ने रीवा में एक आवास जरूर दिया है, शेष सुविधाएं छत्तीसगढ़ सरकार से लेने की बात कही है।
दो राज्यों के फेर में उलझ गया परिवार
शहीद का परिवार मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार के साथ केन्द्र सरकार के फेर में उलझा हुआ है। हर कोई अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए परिवार को एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेज रहा है।
2006 में हुआ था शहीद
वर्ष 2006 में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए सीआइएसएफ जवान उमेश शुक्ला का परिवार लगातार न्याय के लिए गुहार लगा रहा है। बताया जा रहा है कि केन्द्र सरकार ने नक्सली क्षेत्र में भेजने से पहले उक्त कंपनी के सदस्यों की बीमा से जुड़ी कार्रवाई नहीं कराई थी। जिसकी वजह से कोई राशि नहीं मिल पाई है। वहीं मध्यप्रदेश सरकार का कहना है कि केन्द्र सरकार के अधीन नौकरी थी और घटना छत्तीसगढ़ की सीमा में हुई है, इसलिए राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
एमपी सरकार ने दिया था घर
बताया जा रहा है कि एमपी के मुख्यमंत्री ने बीते साल हाउसिंग बोर्ड के माध्यम से एक मकान उपलब्ध कराया है। परिवार की मांग अभी श्रद्धा सम्मान निधि के साथ ही किसी एक सदस्य को नौकरी देने की है। जिस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने आश्वासन दे रखा है।
आवेदन के साथ चक्कर काट रहा परिवार
शहीद की पत्नी सरोज शुक्ला ने करीब डेढ़ दशक के अंतराल में रीवा आने वाले सत्ता और विपक्ष के हर प्रमुख नेता को अपनी मांगों का ज्ञापन दिया है। करीब डेढ़ हजार की संख्या में वह अब तक आवेदन दे चुकी हैं।
स्थानीय प्रशासन से लेकर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति तक से न्याय की गुहार लगाई है। कई सामाजिक संगठनों ने भी इनकी मांग का समर्थन किया है। साथ ही कई सांसदों और विधायकों ने भी मदद के लिए अपना पत्र लिखकर अनुशंसा कर रखी है। बस नही मिला तो शहीद के परिवार को न्याय। पति को खोने के बाद आर्थिक सकंट से परेशान शहीद की पत्नी सरोज शुक्ला ने अब अपना पुत्र भी खो दिया।
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